रायपुर। राज्य के 2,723 शिक्षक पिछले तीन महीने से स्कूलों से बाहर हैं। न वह स्कूल में पढ़ा पा रहे हैं और न ही विभाग उनको ज्वाइन कराने में कोई पहल कर पा रहा है। नतीजा यह हो रहा है कि जिन बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी इन शिक्षकों पर है, उनका भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है। स्कूलों में सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति के बाद पदस्थापना (पोस्टिंग) में हुई गड़बड़ी का खामियाजा प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है। शिक्षा सत्र के बीच में दो हजार से अधिक शिक्षक स्कूलों से बाहर हो गए हैं।
मामले में कोर्ट ने राहत देते हुए नवंबर के पहले सप्ताह स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में सभी संयुक्त संचालकों को सदस्य बनाते हुए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही कमेटी को इन शिक्षकों से अभ्यावेदन लेकर मामला निपटाने के लिए कहा है। शिक्षकों का दावा है कि कोर्ट ने विवाद थमने तक पिछले स्कूलों में ज्वाइन करने और शिक्षकों की सैलरी निकालने के लिए निर्देशित किया है, मगर अफसर कोर्ट के आदेश की अपने तरीके से व्याख्या कर रहे हैं। इससे उनकी ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है।
यह है पूरा मामला