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आबकारी अधिकारी कौशल सोनी के सानिध्य में राजधानी के कचना शराब दुकान में शुरू हुई सरकारी राजस्व की चोरी…?

220 का बियर 230 में, पूछे जाने पर जवाब मिला अधिकारीयों के कहने पर करते हैं ओवर रेटिंग...?

220 का बियर 230 में, पूछे जाने पर जवाब मिला अधिकारीयों के कहने पर करते हैं ओवर रेटिंग…?

 

ज़ोहेब खान………..रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी तो अब एक सपना मात्र बन कर रह गया है। लेकिन शराब की ओवर रेटिंग और सरकारी राजस्व की चोरी ने राजधानी के कई शराब दुकानों में अपने पैर पसार लिए हैं खबर है कि राजधानी रायपुर के कई शराब दुकानों में जमकर ओवर रेटिंग की जा रही है जिसे मदिरा प्रेमियों में काफी रोष व्याप्त है।

वहीं जब ओवर रेटिंग पर मिल रहे खबरों की पड़ताल करने कल क्राइम छत्तीसगढ़ न्यूज़ एवं हंगामा न्यूज़ की टीम शंकर नगर स्थित कचना के शराब दुकान पहुचे तो पाया कि राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित कचना शराब दुकान में ओवर रेटिंग अपने सरे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। वहीं 220 की बियर 230 में दिया गया जब बिल माँगा तो पहले बिलकुल नहीं दिया गया न्यूज़ की टीम कों देख कर खरीदार कों बिलकुल भी दिया गया एवं 20 जो ग्राहक से अधिक लिया गया था उसे वापस किया गया जब इस बारे में दुकान के सुपरवाइजर व दुकान के अन्य स्टाफ से बात की तो उन्होंने बताया की आबकारी अधिकारीयों के आदेश पर शराब को अधिक दर पर बेचा जाता है। शराब खरीदने आए ग्राहकों से भी जब क्राइम छत्तीसगढ़ एवं हंगामा न्यूज़ की टीम ने बातचीत की तो ग्राहकों नें भी बताया कि किस तरीके से कचना के इस शराब दुकान में समयानुसार ओवर रेटिंग कर सरकारी राजस्व की चोरी कर जेब गर्म किया जाता है। एवं पूछने पर शराब के दाम बढ़ने की बात की जाती हैं एवं बिल मांगने पर आबकारी ऑफिस से बिल लेने कों कहां जाता हैं।

जानकारी के मुताबिक ओवर रेटिंग का यह सारा कृत्य सुपरवाइजर व अधिकारीयों की मिलीभगत से किया जाता है। वहीं जानकारी के मुताबिक सरकारी पन्नों में दुकान का सुपरवाइजर तो विकास कोसरे है लेकिन इस ओवर रेटिंग को बहरी रूप के तुलसी नामक व्यक्ति द्वारा अधिकारी जी के साथ मिल कर संचालित करता है।

बता दें कि विगत दो दिनों पहले ही शराब दुकानों में हो रहे अवैद वसूली को रोकने के लिए रायपुर कलेक्टर द्वारा टीम गठित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे जिसपर आबकारी विभाग ने कार्रवाई कर 57 कर्मचारियों को बहार का रास्ता दिखाते हुए ब्लैक लिस्ट कर दिया। आबकारी विभाग द्वारा जारी किये गएलिस्ट की जब हमने पड़ताल की तो पाया कि विभाग ने विगत छह माह में हुए कार्रवाई का पूरा लेखा जोखा मीडिया के समक्ष रख कलेक्टर महोदय को खुश करने की कोशिश की विभागीय सूत्रों के अनुसार यह पूरा कार्य आबकारी उपायुक्त विकाश गोश्वामी के सानिध्य में किया गया है।

सूत्रों की माने तो जो ब्लैक लिस्टेट कर्मचारी हैं वाह अभी भी अधिकारियो से मिली भगत कर बाहर से दुकानों का संचालन कर रहे अपने लोगों कों अधिकारियो के मिली भगत से अपनी मन चाही दुकान चलने कों दिलाया जाता हैं और बाहर से उनके कहे अनुसार ओवर रेट का गोरख धंधा संचालित किया जा रहा हैं

अब देखने वाली बात तो यह होगी कि हमारे इस खबर के बाद आबकारी विभाग के अधिकारी ऐसी कमरों में बैठना छोड़ दुकानों का मुयाना कर ओवर रेटिंग करने वालों पर या ऐसे दुकान संचालकों पर कोई कार्यवाई करता है या बड़े अधिकारीयों को खुश करने के लिए पुराने लिस्ट को जरी करता है…?

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