छत्तीसगढ़

कांग्रेस के बाद आएगा भाजपा का चुनाव घोषणा पत्र

रायपुर. विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणा पत्र बनाने की कवायद चल रही है। लेकिन भाजपा का घोषणा पत्र कांग्रेस के बाद ही आएगा। कांग्रेस का घोषणा पत्र 25 के बाद लाने की तैयारी है। भाजपा काा घोषणा पत्र इसके बाद माह के अंत में आएगा। 

भाजपा के घोषणा पत्र के लिए भले दो लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं, लेकिन इन सुझावों में मुख्य रूप से धान की कीमत, शराबबंदी, मुफ्त बिजली सहित महज दो दर्जन मुद्दों पर ही फोकस है। अब इन मुद्दों पर मंथन करने का काम भाजपा में चल रहा है। घोषणा पत्र समिति के संयोजक विजय बघेल का कहना है, इस माह के अंत तक घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी है।

90 विधानसभाओं में जाकर लिए सुझाव 

प्रदेश के भाजपा संगठन ने पहली बार विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र बनाने के लिए प्रदेश की जनता से ही सुझाव लेने का फैसला किया और एक घोषणा पत्र समिति के साथ 15 उप समितियां बनाने का काम किया है। भाजपा घोषणा पत्र समिति के संयोजक और सह संयोजकों ने सभी 90 विधानसभाओं का दौरा करके सुझाव लिए हैं। इसी के साथ 15 उप समितियों के सदस्यों ने भी हर विधानसभा में जाकर वहां पर अपने-अपने वर्ग के लाेगाें से बात करके सुझाव लिए हैं।
किसानों के सुझाव ज्यादा
किसानों को इस साल कांग्रेस सरकार 28 सौ रुपए कीमत देने वाली है। ऐसे में अब किसानों की तरफ से उप समिति के पास धान की कीमत को ज्यादा करने के हजारों सुझाव आए हैं। किसानों के लिए बनाई गई समिति के सदस्यों का कहना है, भाजपा को मिले दो लाख सुझावों में से 60 फीसदी से ज्यादा सुझाव तो किसानों के ही हैं। किसान धान की कीमत ज्यादा देने की मांग के साथ भाजपा शासनकाल के कृषि पंपों पर प्रति एचपी पर साै रुपए के फ्लैट रेट की भी मांग कर रहे हैं। खासकर सब्जी की खेती करने वाले किसानाें काे 24 घंटे बिजली की जरूरत रहती है, ऐसे में उनको बिल भारी पड़ रहा है। किसानों ने खेती-किसानों को लेकर कई तरह के सुझाव दिए हैं। खाद्य की बिक्री पर निजी क्षेत्र में प्रतिबंध लगाने की भी मांग है।
ये सुझाव भी मिले
थोक में महिलाओं ने शराबबंदी करने के सुझाव आए हैं। बिजली बिल हॉफ को लेकर पूरी खपत पर बिल हॉफ करने के साथ ही मुफ्त बिजली भी देने के सुझाव आए हैं। कर्मचारियों के नियमितिकरण का सुझाव भी आया है। प्रधानमंत्री आवास देने की मांग, स्वास्थ्य सुविधा में सुधार की मांग, गांवों में अस्पताल, डॉक्टरों की मांग, आयुष्मान योजना में घुटने के प्रत्यारोपण काे जाेड़ने के साथ और भी कई बीमारियों हैं जो इसमें शामिल नहीं हैं, उनको भी आयुष्मान योजना में शामिल करने के सुझाव हैं। शिक्षा व्यवस्था काे मजबूत बनाने, सरस्वती साइकिल योजना काे फिर से प्रारंभ करने के साथ और भी कई सुझाव हैं। कानून व्यवस्था को लेकर भी सुझाव आए हैं।

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