छत्तीसगढ़

SP  संग “सैम बहादुर” से फील्ड मार्शल बने वीर योद्धा की कहानी देख पुलिस विभाग हुआ अभिभूत..

कोरबा। भारतीय सेना और पुलिस में फर्क सिर्फ इतना ही है कि गहरे रंग की वर्दी देश को बाहरी और खाकी वाले भीतर के दुश्मनों से रक्षा का वचन निभाती है। सोमवार को उस वक्त पुलिस और सेना एक रंग में नजर आई, जब अपने कप्तान के नेतृत्व में कोरबा पुलिस परिवार मिशन सैम बहादुर के लिए थिएटर पहुंचा। कोरबा एसपी जितेंद्र शुक्ला अपने महकमे के साथ सेना के कमांडर और आर्मी चीफ के बाद देश के पहले फील्ड मार्शल से नवाजे गए सैम मानेकशॉ की वीरता पर आधारित फिल्म सैम बहादुर देखने पहुंचे थे।

 

पुलिस कप्तान शुक्ला ने इस फिल्म में एक दिलेर युद्ध नायक के वीरता, अदम्य साहस और नेतृत्व कुशलता के बड़ी बारीकी से निभाई गए किरदार को सराहा भी। सैम बहादुर में सेनाध्यक्ष मानेकशा के किरदार को कुशल कलाकार विक्की कौशल ने बखूबी निभाया है। एसपी शुक्ला ने फिल्म देखने के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि फ़िल्म में आजादी से ठीक पहले हुए दूसरे विश्वयुद्ध और आजादी के बाद के दुश्मन देश से छिड़ी जंग के मैदान में सैम बहादुर पहले एक टुकड़ी और फिर पूरी सेना की शक्ति बनते हैं। अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे सेना के जाबांज कमांडर, सेनाध्यक्ष और देश के पहले फील्ड मार्शल के अद्वितीय सैन्य जीवन को जीवंत करने का सफल प्रयास फिल्म में नजर आता है।

उन्होंने यह भी कहा कि खासकर युवाओं को यह फिल्म अपने दोस्तों के साथ जरूर देखनी चाहिए। इससे उन्हें अपने देश और समाज के लिए एक सैनिक का महत्व समझने और जानने का सर्वोत्तम अवसर मिलेगा। देश के युआओं में वर्दी धारण करने का उत्साह भरने की यह कोशिश सबसे महत्वपूर्ण है।

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