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भारतीय टैक्सपेयर्स के लिए बड़ा अपडेट, आईटीआर फॉर्म्स में हुआ बदलाव, जानें

भारतीय टैक्स पेयर्स को अब टैक्स रिटर्न फाइल में कई बदलाव नजर आएंगे। इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म (ITR Form 2024) में एक बार फिर बदलाव हुआ है। इस बार टैक्स रिटर्न फाइल करते समय आपको ITR फॉर्म्स में कुछ बदलाव दिखने को मिलेंगे। तो आइए जानते हैं कि आखिर कितने तरह के आईटीआर फॉर्म होते हैं और इस बार इनमें क्या बदलाव हुए हैं।

बता दें कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने इस बार दिसंबर में ही आईटीआर फॉर्म ITR-1 और ITR-4 नोटिफाई कर दिए थे। हालांकि आमतौर पर ये फॉर्म फरवरी-मार्च में आते हैं। फॉर्म जल्दी लाने का उद्देश्य ये है ताकि टैक्सपेयर्स पहले से फॉर्म (ITR Form 2024) को समझ लें और फिर उन्हें इसे भरने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

ITR फॉर्म-1 और फॉर्म-4 में बदलाव

इस बार आईटीआर-1 भर रहे टैक्सपेयर को इनकम रिटर्न दिखाते हुए केवल अपने टैक्स रिजीम का संकेत देना होगा। वहीं, जो लोग फॉर्म-4 भरेंगे उनको न्यू टैक्स रिजीम चुनने के लिए अलग से Form 10-IEA भरना होगा।

दोनों ही फॉर्म (ITR Form 2024) में सेक्शन 80CCH के तहत डिडक्शन क्लेम करने के लिए नया कॉलम जोड़ा गया है। इसके तहत अग्निपथ योजना में शामिल व्यक्ति और 1 नवंबर, 2022 के बाद से अग्निवीर कॉर्पस फंड में सब्सक्राइब करने वालों को फंड के टोटल डिपॉजिट अमाउंट पर टैक्स डिडक्शन मिलेगा।

बता दें कि इसके अलावा ITR-4 में बढ़े हुए टर्नओवर लिमिट को क्लेम करने के लिए एक “Receipts in Cash” का कॉलम जोड़ा गया है। वित्त अधिनियम, 2023 में पिछले साल सेक्शन 44AD के तहत प्रीजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम चुनने पर टर्नओवर की सीमा 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ कर दी गई थी, हालांकि इसके लिए कैश रसीद पिछले साल के टोटल टर्नओवर या ग्रॉस रिसीट से 5 फीसदी से ज्यादा न होने की शर्त रखी गई थी।

आईटीआर फॉर्म्स के प्रकार?

ITR फॉर्म 1

जिन भारतीयों की सालाना कमाई 50 लाख रुपए तक है, वे इस फॉर्म 1 को भरते हैं। बता दें कि 50 लाख तक की कमाई में आपकी सैलरी, पेंशन या किसी अन्‍य सोर्स को भी शामिल किया जाता है। 5000 रुपए तक की कृषि आय को भी इसमें शामिल किया जाता है।

वहीं अगर आप किसी कंपनी के डायरेक्‍टर है, किसी अनलिस्‍टेड कंपनी में निवेश किया हो, कैपिटल गेन्‍स से कमाते हों, एक से ज्‍यादा हाउस या प्रॉपर्टी से इनकम करते हों या फिर बिजनेस से कमाई करते हैं, तो आप ये फॉर्म नहीं भर सकते हैं।

ITR फॉर्म 2

50 लाख रुपए से ज्‍यादा की सालाना इनकम वाले लोगों के लिए ये फॉर्म है। इसके तहत एक से ज्यादा आवासीय संपत्ति, इन्वेस्टमेंट पर हुए कैपिटल गेन या लॉस, 10 लाख रुपए से ज्यादा की डिविडेंड इनकम और खेती से हुई 5000 रुपए से ज्यादा की कमाई के बारे में बताना होता है। इसके अलावा PF से ब्‍याज के तौर पर हो रही कमाई के लिए भी ये फॉर्म भरा जाता है।

ITR फॉर्म 3

बिजनेसमैन, इक्विटी अनलिस्टेड शेयर में निवेश या किसी कंपनी में पार्टनर के तौर पर कमाई करने वाले ITR Form 3 भर सकते हैं। इसके अलावा ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन्‍स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए की इनकम होती है, तो भी आप ये फॉर्म भर सकते हैं।

ITR फॉर्म 4

ये फॉर्म इंडिविजुअल और हिंदू अविभाजित परिवार (hindu undivided family, HUF) के लिए होता है। अगर आपकी इनकम अपने बिजनेस या डॉक्‍टर-वकील जैसे पेशे से आमदनी, पार्टनरशिप फर्म्स (LLP के अलावा) चलाने वाले, धारा 44एडी और 44एई के तहत इनकम करने वाले और सैलरी या पेंशन से 50 लाख से ज्‍यादा की कमाई करने वाले लोग इस फॉर्म को भरते हैं। अगर आप फ्रीलांसर हैं लेकिन सालाना कमाई 50 लाख से ज्‍यादा है, तो भी ये फॉर्म आप भर सकते हैं।

ITR फॉर्म 5

यह फॉर्म उन संस्थाओं के लिए होता है, जिन्होंने खुद को फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड कराया है। एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स और बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स के लिए भी इसी फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है।

ITR फॉर्म 6 और 7

जिन कंपनियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 11 के तहत छूट नहीं मिलती है, उनके लिए ITR Form 6 होता है। जिन्‍हें 139(4A) या सेक्शन 139(4B) या सेक्शन 139(4C) या सेक्शन 139(4D) के तहत रिटर्न दाखिल करना होता है, उन कंपनियों और लोगों को ITR Form 7 भरने की जरूरत होती है।

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