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कूनो में 10वें चीते की मौत पर गरमाई सियासत, कमलनाथ ने उठाए गंभीर सवाल

जैव विविधता को बरकरार रखने के मद्देनजर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्कमें अफ्रीकी देश नामीबिया से  20 चीते लाए गए थे. इस मौके को एक उत्सव के तौर पर भुनाया गया था, लेकिन यहां चीतों को संवर्धन होने के बजाए एक के बाद एक 10 चीतों की मौत हो चुकी है. ऐसे में कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ  ने भी एक के बाद एक चीतों की मौत पर चिंता जाहिर की.

कमलनाथ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि कूनो नेशनल पार्क में दसवें चीते की मृत्यु अत्यंत चिंता का विषय. उन्होंने आगे लिखा कि एक के बाद एक चीते की मृत्यु के बाद भी सरकार की ओर से ऐसी कोई परियोजना सामने नहीं आई है, जिससे चीतों के जीवन के प्रति आश्वस्त हुआ जा सके. उन्होंने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए आगे लिखा कि जितनी सरकारी धनराशि की फिजूलखर्ची चीता प्रोजेक्ट लॉन्च करने में की गई. अगर उसी अनुपात में धनराशि चीतों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ईमानदारी से खर्च की जाती, तो यह स्थिति नहीं बनती. उसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अब भी संवेदनशीलता से काम लिया जाए, तो बाकी बचे चीतों को सुरक्षित किया जा सकता है.

10 जीते की हो चुकी है मौत

दरअसल, मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मंगलवार को मौत हो गई थी. आपको बता दें कि इस चीते को नामीबिया से लाया गया था और इसका नाम शौर्य था. इसके साथ ही कूनो नेशनल पार्क में अब तक मरने वाले चीतों की संख्या 10 हो गई है. बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे, जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई थी. इस चीते की मौत पर लॉयन प्रोजेक्ट के निदेशक ने बताया कि 16 जनवरी को लगभग 3:17 बजे नामीबियाई चीता ‘शौर्य’ की मौत हो गई थी. मृत्यु का कारण पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा. उसे जंगल में बेहोश पाया गया था, इसके बाद से लगातार उसका इलाज चल रहा था.

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