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कोर्ट की जमीन कब्जाने का था आरोप, सुप्रीम कोर्ट में AAP ने क्या दी सफाई

नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट के पास स्थित पार्टी का दफ्तर अतिक्रमण नहीं है। ‘आप’ ने दावा किया कि राउज एवेन्यू कोर्ट कॉम्पलेक्स के लिए आवंटित किए जाने के पहले ही इस जमीन को आम आदमी पार्टी को कानूनी रूप से दिल्ली सरकार ने दिया था। सर्वोच्च अदालत में आवेदन दायर करते हुए आम आदमी पार्टी ने 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि एक राजनीतिक दल ने अपना दफ्तर अतिक्रमण करके उस जमीन पर बनाया गया है जिसे दिल्ली हाई कोर्ट के लिए आवंटित किया गया था।

आम आदमी पार्टी ने कोर्ट में हलफनामा दायर करके कहा है कि 2015 में ही दिल्ली सरकार ने यह जमीन उसे आवंटित की थी, जबकि केंद्र सरकार के लैंड एंड डिवेलमेंट ऑफिस (L&DO) ने 2023 में इसे राउज एवेन्यू कोर्ट कॉम्पलेक्स के लिए चिह्नित किया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह कहे जाने पर कि अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए, ‘आप’ ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ने की दलील दी।

आम आदमी पार्टी ने यह भी स्वीकार किया कि वह जगह छोड़ने करने के लिए तैयार है, लेकिन एनडीएमसी एरिया में दूसरा ऑफिस स्पेस मिल जाने के बाद ही मौजूदा दफ्तर को खाली करने का आदेश दिया जाए। पार्टी ने कोर्ट से इस तथ्य पर विचार करने की गुजारिश की कि तुरंत खाली कराए जाने से ‘आप’ के पास दिल्ली में कोई दफ्तर नहीं रह जाएगा खासकर यह देखते हुए कि लोकसभा चुनाव नजदीक है और अन्य 5 राष्ट्रीय पार्टियां दिल्ली में आवंटित दफ्तर से संचालित हैं।

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