छत्तीसगढ़

पूर्व सांसद के आंदोलन के बदौलत छत्तीसगढ़ राज्य बना

भिलाई । छत्तीसगढ के पूर्व मंत्री बदरूदीन कुरैशी ने छत्तीसगढ राज्य के प्रेरणास्त्रोत दुर्ग के पूर्व सांसद चंदूलाल चंद्राकर के 29 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर चंदूलाल चंद्राकर चौक सूपेला एवं श्रमशक्ति सदन सेक्टर-6 ऑफिस के मैदान में चंदूलाल चंद्राकर की स्थापित प्रतिमा में बदरूदीन कुरैशी और चंद्राकर समाज के पदाधिकारी एवं कांग्रेस कार्यकर्ता ने माल्यअर्पण कर मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके बताये हुए मार्गों में चलने का संकल्प लिया।

कुरैशी ने अपने उदबोधन में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि 1993 मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी छत्तीसगढ़ के विधायकों के क्षेत्रों में निरन्तर उपेक्षा की शिकायत मिलने पर काफी दुखी रहते थे और उनहोंने निर्णय लिया कि जब तक छत्त्ीसगढ़ राज्य नहीं बनेगा तब तक छत्तीसगढ़ की उपेक्षा होती रहेगी इसलिए सन् 1993 में ब्लाक जिला स्तर की बैठक बुलवाकर छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का संकल्प लिया और 5 अक्टूबर 1993 को छत्तीसगढ बंद का अवाहन किया इस अवाहन में संपूण छत्तीसगढ बंद रहा किसी प्रकार की कोई घटना-दुर्घना नहीं हुई।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह जी थे उन्होंने सन् 1993 कांग्रेस के चुनावी घोषण पत्र में शामिल किया जैसे ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी वैसे ही मध्यप्रदेश के विधानसभा में छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का संकल्प सर्वसमति से पारित हुआ यह चंदूलाल चंद्राकर की बहुत बड़ी देन थी जिनके बदौलत छत्तीसगढ राज्य बना। कार्यक्रम में मोहन गुप्ता, आर.एस. शर्मा, अरूण सिंह, शिव चंद्राकर, कुलेशवर चंद्राकर, भुवनेश्वर चंद्राकर, दिलिप चंद्राकर, कुलेशवर चंद्राकर, पवन चंद्राकर, गजेन्द्र चंद्राकर, हरी प्रसाद साहू, आर चंद्राकर, मोरघ्वज चंद्राकर, अरूण सिंह, भगवान शर्मा, कवल शर्मा, उदेश, छोटेलाल, पप्पु शर्मा, अशोक सेन, बाबु भाई, जै के शर्मा, दिनेश, सतानंद चंद्राकर, दुर्गाप्रसाद साहू, धनेंद्र चंद्राकर, अली, तेजेन्द्र चंद्रकर, बसन्त चंद्राकर, जितेन्द्र चंद्राकर, बलदाउ चंद्राकर, नंदकिशोर गुप्ता, टंडन दास, संजय गुप्ता उपस्थित थे।

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