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तीन जिले की जीवनदायनीय तांदुला नदी इन दिनों गंदगी से पटी हुई है। शहर का गंदा पानी नदी में मिल रहा है, जिससे नदी और दूषित हो रही है।

जाहिद खान……..बालोद। तीन जिले की जीवनदायनीय तांदुला नदी इन दिनों गंदगी से पटी हुई है। शहर का गंदा पानी नदी में मिल रहा है, जिससे नदी और दूषित हो रही है। नदी में गंदे पानी को मिलने से रोकने नगर पालिका ने योजना बनाई है। फिल्टर प्लांट बनाकर गंदगी को नदी में जाने से रोका जाएगा। संबंधित एजेंसी ने इसके लिए जगह का सर्वे भी कर लिया है। प्रोजेक्ट पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। पानी साफ होने के बाद नदी स्वच्छ होगी। नगर पालिका के सीएमओ सौरभ शर्मा ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि गंदे पानी को नदी में जाने रोका जाए।शहर में चार जगहों पर फिल्टर प्लांट बनाया जाएगा, जो शहर के गंदे पानी फिल्टर करेगा। इसके बाद पानी को नदी में छोड़ा जाएगा। नगर पालिका सीएमओ के मुताबिक नदी की सौंदर्यीकरण की योजना नहीं है, लेकिन नदी में गंदा पानी न जाए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शासन से भी सहयोग मिल रहा है। उम्मीद है कि साल के अंत तक इसका काम भी शुरू हो जाएगा।
तांदुला नदी का पानीे बालोद शहरवासियों की प्यास बुझा रही है। हालांकि जलआवर्धन योजना के तहत कुछ वर्षों से तांदुला जलाशय से शहर में पानी सप्लाई की जा रही है। नगर पालिका के प्रयास से नदी फिर से अपनी पूर्व की स्थिति में नजर आ सकती है। कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट में तांदुला नदी सौंदर्यीकरण को शामिल किया था। इसे प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिल पाई है। शासन-प्रशासन ने संवारा है। जैसे रायपुर का महादेव घाट, राजिम, शिवरीनारायण, जहां की नदी साफ और आकर्षक है। शासन-प्रशासन चाहे तो तांदुला नदी को भी संवार कर पर्यटन के रूप में विकसित कर सकते है। इसके लिए शासन, प्रशासन व जिले के जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना होगा।

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