छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग में फर्जी डिग्री का खेल: अयोग्य कर्मचारियों की बहाली और अधिकारी मौन!

ज़ोहेब खान……..रायपुर। छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग में एक और घोटाला सामने आया है, जहां फर्जी डिग्री और दस्तावेजों में हेरफेर कर अयोग्य व्यक्तियों को शराब दुकानों में नौकरी पर लगाया जा रहा है। इस बार मामला अवैध शराब बिक्री से नहीं, बल्कि नौकरी के दस्तावेजों में छेड़छाड़ का है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आबकारी विभाग के पूर्व सहायक आयुक्त विकास गोश्वामी के कार्यकाल के दौरान, कई अयोग्य व्यक्तियों को बॉम्बे इंटीग्रेटेड सेक्योरिटी कंपनी (BIS) के माध्यम से रायपुर के शराब भट्टियों में सुपरवाइजर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया। खासकर BIS के एरिया मैनेजर रमेश गुप्ता पर आरोप है कि रमेश गुप्ता नें पूर्व के ब्लैक लिस्टेट कर्मचारी दिलीप यादव के साथ साठ -गांठ कर कमीशन के चक्कर में दोनों नें मिल कर कई अयोग्य कर्मचारियों को नौकरी दिलाने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर की। और नौकरी लगवाने के नाम पर मोटी रकम भी ली।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले के पीछे एरिया मैनेजर राजा सारथी, दिलीप यादव और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है, जिसके तहत अयोग्य व्यक्तियों को राजधानी रायपुर की कई शराब दुकानों में नियुक्त किया गया है।
हालांकि, अब तक किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और आबकारी विभाग इस गंभीर मामले में चुप्पी साधे हुए है। सवाल यह उठता है कि विभाग की निगरानी में इतने बड़े स्तर पर हुई इस धांधली का जिम्मेदार कौन है और क्यों अब तक जांच नहीं हुई?
क्या आबकारी विभाग की यह चूक शासन की बड़ी लापरवाही का संकेत है, या इसमें गहरे स्तर पर कोई साजिश छिपी है?