क्राइममुख्य समाचार

रायपुर जेल में मौत या हत्या? युवक मोहम्मद शादाब की संदिग्ध मौत पर उठे गंभीर सवाल, परिजनों ने लगाए बर्बरता के आरोप

ज़ोहेब खान……..रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के केंद्रीय कारागार में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जेल में बंद एक नवयुवक मोहम्मद शादाब की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है, जिसे लेकर परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि यह महज एक “स्वाभाविक मौत” नहीं, बल्कि “सिस्टम के भीतर मची क्रूरता की शिकार एक हत्या” है।

 

जेल प्रशासन का दावा है कि मोहम्मद शादाब की मृत्यु हृदयाघात से हुई, लेकिन परिवार का कहना है कि शादाब के शरीर पर बेल्ट, चप्पल और डंडों के गहरे निशान मौजूद हैं, जो यह दर्शाते हैं कि उसकी बुरी तरह पिटाई की गई थी। परिजनों ने इस पूरे मामले को सुनियोजित हत्या करार देते हुए कहा है कि उसे इलाज से भी वंचित रखा गया।

 

इलाज की अनदेखी, मौत तक का सफर

शादाब के बड़े भाई ने बताया कि उनके भाई को लंबे समय से सीने में दर्द की शिकायत थी, जिसकी जानकारी उन्होंने कई बार जेल प्रशासन को दी। उन्होंने मेकाहारा अस्पताल में इलाज की मांग भी की थी, लेकिन जेल प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। यह लापरवाही, परिजनों के अनुसार, अंततः उसकी जान ले गई।

जब शादाब की हालत बिगड़ी, तब भी परिजनों को समय पर कोई सूचना नहीं दी गई। उन्हें यह खबर किसी तीसरे व्यक्ति से मिली कि शादाब की मृत्यु हो चुकी है और उसका शव पोस्टमार्टम के लिए मेकाहारा अस्पताल भेजा जा चुका है। इतना ही नहीं, परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन ने उन्हें न तो कोई स्पष्ट जवाब दिया और न ही किसी वरिष्ठ अधिकारी से मिलने की अनुमति दी।

 

“वीआईपी कैदियों” को विशेष सुविधा, आम कैदी की बर्बर मौत

इस घटना ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। परिजनों ने आरोप लगाया कि जेल में मनी लॉन्ड्रिंग, शराब घोटाले और महादेव ऐप सट्टा मामले के आरोपी वीआईपी कैदियों को विशेष सुविधाएं मिलती हैं—अच्छा इलाज, साफ-सुथरी बैरक, भोजन और मुलाकात की खुली छूट—जबकि एक गरीब आम कैदी को इलाज तक से वंचित कर दिया जाता है और प्रताड़ित कर उसकी जान ले ली जाती है।

 

वसूली का आरोप, जेल प्रशासन कठघरे में

मृतक के छोटे भाई ने जेल के भीतर भ्रष्टाचार और सुविधा शुल्क वसूली का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जेलर से लेकर सुप्रिटेंडेंट तक हर सुविधा के लिए मोटी रकम ली जाती है। जेल के डॉक्टरों पर भी दुर्व्यवहार और लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा गया कि हर बीमारी का इलाज महज एसिलॉक और पैरासिटामोल से किया जाता है।

जोन कार्यालय में प्रतिदिन शराब का सेवन कर रहे कर्मचारी — प्रशासन मौन

 

मांगा न्याय, उठी सीसीटीवी जांच की मांग

परिजनों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि घटना से जुड़े सभी सीसीटीवी फुटेज तत्काल सार्वजनिक किए जाएं, निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने जेलर और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से इस मौत की जवाबदेही तय करने की भी अपील की है।

न्याय का इंतजार कर रहा एक परिवार

मोहम्मद शादाब की मौत एक ऐसा सवाल बन चुकी है, जो न केवल जेल व्यवस्था की निष्क्रियता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि एक आम कैदी की जान की कीमत आज भी इस व्यवस्था में कितनी सस्ती है। अब यह देखना बाकी है कि क्या शासन-प्रशासन इस गूंजती हुई चीख को सुनता है या एक और मौत फाइलों में दबी रह जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button