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“गरियाबंद में आदि कर्मयोगी अभियान की शुरुआत — आदिवासी परिवारों तक पहुंचेगा 25 योजनाओं का लाभ”

कलेक्टर बी.एस. उइके ने किया रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस प्रशिक्षण का शुभारंभ • ग्राम स्तर पर बनेगा कैडर • हर गांव में स्थापित होंगे आदि सेवा केन्द्र

नरेश कुमार ध्रुव………फिंगेश्वर,गरियाबंद।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में जिले में आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जनजातीय विकास एवं परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इसी क्रम में वन विभाग के ऑक्सन हॉल में तीन दिवसीय जिला स्तरीय रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

 

प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर श्री बी.एस. उइके ने किया। इस अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री नवीन भगत, एसडीओ वन विभाग श्री मनोज चन्द्राकर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, मास्टर ट्रेनर और ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।

 

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कलेक्टर श्री उइके ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य जिले की अनुसूचित जनजातियों के 64,877 परिवारों को 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराना है। इसके तहत आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंचाई जाएंगी।

 

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उन्होंने कहा कि अभियान का क्रियान्वयन अंतर्विभागीय समन्वय और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए पांच विकासखंडों के 334 आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में ग्राम स्तर पर आदि सेवा केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।

 

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इस अवसर पर सहायक आयुक्त श्री नवीन भगत ने जानकारी दी कि जिला स्तर पर 07 ट्रेनर, ब्लॉक स्तर पर 35 मास्टर ट्रेनर एवं प्रत्येक ग्राम से न्यूनतम 20 आदि साथी व सहयोगी तैयार किए जा रहे हैं। ये प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगे, बुनियादी सुविधाओं की जरूरतों की पहचान करेंगे और ग्राम विकास योजना के निर्माण में सहयोग करेंगे।

 

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इस अभियान के तहत चयनित आदि साथी और आदि सहयोगी गांव-गांव जाकर लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने, क्रिटिकल गैप की पहचान करने और स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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