आपका बेटा बलात्कार केस में फंस गया…” कहकर 1.90 लाख की ठगी, बालोद पुलिस ने आरोपी को कर्नाटक से दबोचा
मैसूर से गिरफ्तार हुआ ठग, साइबर अपराध में दो और साथियों के शामिल होने का खुलासा

जाहिद खान………बालोद। जिले की पुलिस को साइबर ठगों के खिलाफ एक और बड़ी सफलता मिली है। एक ठग गिरोह ने एक व्यक्ति को उसके बेटे के बलात्कार मामले में फंसने का झांसा देकर 1.90 लाख रुपये ऐंठ लिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग, पुलिस अधीक्षक सुरजन राम भगत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार जोशी एवं मोनिका ठाकुर के निर्देश पर टीम गठित कर कर्नाटक के मैसूर से मुख्य आरोपी कृष्णा यादव (निवासी बिहार) को गिरफ्तार किया गया।
ठगी का तरीका – फोन पर धमकी और फिरौती की मांग
26 मई 2024 को ठगों ने खपरी निवासी युगल किशोर साहू (56 वर्ष) को व्हाट्सएप कॉल कर खुद को बालोद थाना प्रभारी बताया। आरोपियों ने दावा किया कि उनका बेटा बलात्कार केस में फंस चुका है और उसे बचाने के लिए 1.90 लाख रुपये तत्काल उनके बैंक खाते में जमा करने होंगे। बेटे की चिंता में डूबे पीड़ित ने बिना सत्यापन किए ठगों के खाते में रकम ट्रांसफर कर दी। बाद में जब सच पता चला तो उन्होंने थाना बालोद में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की तेज कार्रवाई, आरोपी ने कबूला अपराध
पुलिस ने साइबर सेल की मदद से ठगों की लोकेशन ट्रेस की और एक विशेष टीम को कर्नाटक के मैसूर भेजा। वहां से आरोपी कृष्णा यादव को गिरफ्तार कर बालोद लाया गया। पूछताछ में आरोपी ने अपने अन्य दो साथियों की संलिप्तता भी कबूल की, जिससे गिरोह के विस्तार का खुलासा हुआ।
इन धाराओं में भेजा गया जेल
आरोपी के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 34 (साझा आपराधिक मंशा), 411 (अवैध रूप से संपत्ति प्राप्त करना), 413 (अव्यवसायिक रूप से चोरी की संपत्ति बेचना), और 120(बी) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस टीम का सराहनीय योगदान
इस ऑपरेशन में थाना प्रभारी निरीक्षक रविशंकर पाण्डेय, सउनि पुनित राम वर्मा, प्र.आर. मनोज निर्मलकर, आर. दीपक शर्मा, सायबर सेल के प्र.आर. भुनेश्वर मरकाम, राहुल मनहरे, संदीप यादव, भोप साहू, पुराण देवांगन और मिथिलेश ने विशेष भूमिका निभाई।
बालोद पुलिस की अपील – सावधान रहें, सतर्क रहें!
बालोद पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी अज्ञात फोन कॉल या व्हाट्सएप संदेश पर बिना जांच-पड़ताल के भरोसा न करें। साइबर अपराध से बचाव के लिए सतर्क रहें और संदिग्ध मामलों की तुरंत पुलिस को सूचना दें।