ज़ोहेब खान…….रायपुर। छत्तीसगढ़ी लोक संगीत को देश-विदेश में पहचान दिलाने वाले सुप्रसिद्ध लोक गायक राजेंद्र रंगीला को नई दिल्ली में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित उपाधि उन्हें छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और लोक संगीत के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रदान की गई।
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रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के ग्राम कुटेशर निवासी राजेंद्र रंगीला ने अब तक 15,000 से अधिक लोक गीतों की प्रस्तुति दी है और 40 से ज्यादा लोक कलाकारों के साथ मिलकर देश-विदेश के कई मंचों पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की धमक छोड़ी है।

इससे पूर्व, उन्हें वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गुरु घासीदास राज्य अलंकरण सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
सम्मान प्राप्ति के दौरान राजेंद्र रंगीला ने कहा – “यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की माटी, संस्कृति और लोक धुनों का सम्मान है। मैं इसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए और अधिक समर्पण के साथ काम करूंगा।”
राजेंद्र रंगीला का जीवन सिर्फ कला तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि वे हर वर्ष 10 निर्धन कन्याओं के विवाह भी अपने खर्च पर कराते हैं, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता भी सामने आती है।
समारोह में उपस्थित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनके योगदान को ऐतिहासिक बताते हुए छत्तीसगढ़ी लोक संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए उन्हें बधाई दी।