सिंदूरी पौधों का रोपण और वैद्य सम्मेलन: महिलाओं के सशक्तिकरण और पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा

धमतरी: छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड तथा वन विभाग धमतरी द्वारा आज धमतरी जिले के नगरी तहसील के सांकरा ग्राम में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । “सेवा पखवाड़ा” के अंतर्गत हुए इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में 75 सिंदूरी पौधों का रोपण किया गया और साथ ही परंपरागत वैद्यों का एक सम्मेलन भी आयोजित हुआ ।
कार्यक्रम में औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष विकास मरकाम, धमतरी जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सारवा, और धमतरी वनमंडलाधिकारी कृष्णा जाधव सहित कई अन्य अतिथि उपस्थित थे । इस अवसर पर बोर्ड के सीईओ जे.ए.सी.एस. राव ने सिंदूरी पौधे के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति 20-25 सिंदूरी पेड़ों से प्रतिवर्ष ₹3000 से ₹4000 तक कमा सकता है । इन पौधों से दो साल बाद फल मिलने लगते हैं, जिनके बीजों का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन और औषधियों के निर्माण में होता है । इन बीजों की बाजार में कीमत ₹300 से ₹400 प्रति किलोग्राम तक होती है ।
बोर्ड के अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि यह योजना ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक मजबूत आधार साबित होगी, क्योंकि वे आसानी से इन पौधों की देखभाल कर सकती हैं ।
पौधारोपण के अलावा, सांकरा के इको सेंटर में एक परंपरागत वैद्य सम्मेलन भी आयोजित किया गया । इस सम्मेलन में वैद्यों ने अपने उत्थान के लिए कई मांगें रखीं, जिनमें से “हीलर हर्बल गार्डन” की मांग को तत्काल सैद्धांतिक सहमति दी गई । इस कार्यक्रम में भी सभी प्रमुख अतिथिगण उपस्थित रहे ।