जिले के डौंडी ब्लॉक के ग्राम घोटिया में प्रधान पाठक देवेंद्र ठाकुर की आत्महत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया
जाहिद खान……..बालोद। जिले के डौंडी ब्लॉक के ग्राम घोटिया में प्रधान पाठक देवेंद्र ठाकुर की आत्महत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर के भांजे मदार खान उर्फ सलीम खान, प्रदीप ठाकुर को मंगलवार और बुधवार को हरेंद्र नेताम को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो लोगों को महाराष्ट्र के अमरावती और एक को भिलाई से पकड़ा गया है। वहीं जिला सत्र न्यायाधीश ने पूर्व मंत्री मो. अकबर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। उन पर भी गिरफ्तारी तलवार लटक रही है।डौंडी क्षेत्र के इस हाईप्रोफाइल व चर्चित मामले में पुलिस एक्शन मोड में है। बारीकी से जांच कर रही है। वहीं मामले में राजनीति भी हावी हो गई है। इधर पूर्व वन मंत्री ने कहा कि यह मेरे खिलाफ साजिश है।
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आत्महत्या के लिए उकसाने व नौकरी के नाम पर ठगी का मामला
पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर, मदार खान, हरेंद्र नेताम व प्रदीप ठाकुर के खिलाफ धारा 108, 3(5) और सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर मदार खान हरेंद्र नेताम, प्रदीप ठाकुर के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि पुलिस का कहना है है कि जांच जारी है। इसके बाद ही कुछ कह पाएंगे।
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अपने घर पर फांसी लगाकर की थी आत्महत्या
बीते 3 सितंबर को प्रधान पाठक देवेंद्र ठाकुर निवासी ग्राम घोटिया ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। वह नौकरी लगाने के नाम पर लिए गए रुपए के मामले से परेशान था। सुसाइड नोट में इन चार लोगों के नाम लिखे थे।पुलिस के अनुसार जांच में कई महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इस धोखाधड़ी में और कितने लोग शामिल हैं। अन्य पीडि़तों के बारे में भी पता चलेगा। सुसाइड नोट और परिवारजनों के बयानों के आधार पर हर एंगल पर जांच की जा रही है।
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दोषियों को मिलनी चाहिए कड़ी सजा
ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानपाठक को इस स्थिति तक पहुंचाने के लिए दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। वहीं देवेंद्र के परिजनों ने भी न्याय की गुहार लगाई है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।इस घटना ने शिक्षा जगत और प्रशासन को भी झकझोर दिया है। सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी के मामले ने सवाल खड़ा कर दिया है कि कैसे लोग सरकारी तंत्र और व्यवस्था का फायदा उठाकर लोगों को ठग रहे हैं। घटना से सरकारी संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।