राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक को हाई कोर्ट से मिली राहत

बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि।छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक को राहत देते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन के फैसले पर रोक लगा दी है। राज्य की सत्ता पर काबिज होने के बाद भाजपा सरकार ने कांग्रेस शासनकाल में निगम,मंडल,प्राधिकरण व बोर्ड में की गई राजनीतिक नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद करने का आदेश जारी कर दिया था।
इसी के तहत याचिकाकर्ता को मिली सुरक्षा व्यवस्था को भी शासन ने हटा ली थी। इसके खिलाफ किरणमयी ने हाई कोर्ट में याचिका पेश की थी।कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुरक्षा के साथ ही मिलनी वाली सुविधाओं को बहाल करने का निर्देश दिया है।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में नायक ने कहा कि राज्य में वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति की गई थी। यह नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गई थी। कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्य शासन ने कार्यकाल को विस्तारित करते हुए 15 जुलाई 2023 को दोबारा तीन वर्ष के लिए नियुक्ति आदेश जारी कर दिया था।
दो साल सात महीने का कार्यकाल बचा हुआ है। याचिका के अनुसार राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद निगम,मंडल,बोर्ड व प्राधिकरणों में की गई नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद करने का आदेश जारी कर दिया है। इसी आदेश के तहत पूर्ववर्ती सरकार में मिली सुरक्षा व्यवस्था को हटा लिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आयोग संवैधानिक पद है। तय कार्यकाल तक आयोग में कार्य करने वाले अध्यक्ष सहित सदस्यों को नहीं हटाया जा सकता।
संवैधानिक पद की अपनी अलग गरिमा होती है। मामले की सुनवाई जस्टिस एनके चंद्रवंशी के सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए शासन के आदेश पर रोक लगा दी है। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रधान व राहुल झा ने पैरवी की।