क्राइमदेश

‘चलती ट्रेन में महिला से गैंगरेप’ नाराज हाई कोर्ट ने खड़ी की रेल मंत्रालय की खाट

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक बजट पेश किया। इस बजट में योगी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र समेत कई योजनाओं के लिए अपना खजाना खोल दिया. वित्त मंत्री सुरेश कुमारएक महिला के साथ कई लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने और फिर उसे चलती ट्रेन में फेंक देने की घटना से इलाहाबाद हाई कोर्ट हैरान है. हाईकोर्ट ने स्वसंज्ञान याचिका के जरिए 2016 के मामले की सुनवाई की और रेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया. नोटिस में हाई कोर्ट ने सवाल पूछा है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो इसके लिए क्या कदम उठाए गए हैं.

2016 में मऊ में चलती ट्रेन में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। ट्रेन में इतनी घिनौनी वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने महिला को चलती ट्रेन से ही नीचे फेंक दिया. स्वसंज्ञान याचिका के तहत मामले की सुनवाई सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस बीआर सिंह की बेंच ने की. हाईकोर्ट इस बात से नाराज था कि पीड़िता को पूरा मुआवजा भी नहीं दिया गया

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट उस समय हैरान रह गया जब बताया गया कि पीड़िता को मिलने वाली 4 लाख रुपये की मुआवजा राशि का भी पूरा भुगतान नहीं किया गया है. पीड़ित को मात्र 2.81 लाख रुपये ही दिये गये हैं. हाई कोर्ट की बेंच ने नाराज होकर अभियोजन पक्ष से सवाल किया कि अब तक मुआवजे की रकम का पूरा भुगतान क्यों नहीं किया गया.

हाईकोर्ट ने रेल मंत्रालय से ट्रेनों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है. हाईकोर्ट ने रेल मंत्रालय को नोटिस जारी कर कई सवालों के जवाब मांगे हैं. मंत्रालय को जवाब देने के लिए मार्च के पहले हफ्ते तक का समय दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई भी मार्च के पहले हफ्ते में ही रखी गई है.

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