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हर साल बढ़ रहा स्टेट जीएसटी कलेक्शन, सिस्टम दुरुस्त कर टैक्स चोरी रोकी

भोपाल। मप्र को तीन सालों में सबसे ज्यादा आय गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से हो रही है। राज्य के 2023-24 के जीएसटी कलेक्शन में 2021-22 की तुलना में 39.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो जीएसटी संग्रहण 23 हजार करोड़ से तीन साल में बढ़कर 32 हजार करोड़ पर पहुंच गया। वित्त विशेषज्ञों के अनुसार इस अवधि में जीएसटी गतिविधियां बढ़ने और लगातार सुधार से जीएसटी का संग्रहण बढ़ रहा है जो पिछली बार से और ज्यादा अच्छा रहने की उम्मीद है। आंकड़े बजट में पेश किए जाएंगे।

बीते साल वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 13 प्रतिशत की वृद्धि वाला 3.14 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। सबसे ज्यादा एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान महिलाओं के लिए किया था। इस बजट में दिखाया गया कि सबसे ज्यादा 31 फीसदी आय प्रदेश सरकार को करों से और 26 प्रतिशत लोन से होगी।

  • जीएसटी के सिस्टम को दुरुस्त किया गया। ऑनलाइन मैचिंग और मिस मैचिंग पर पैनी नजर से टैक्स की चोरी रोकी गई।
  • जीएसटीएन का काम बेहतर हुआ है। बैटिंग और गैंबलिंग से भी अब टैक्स मिल रहा है।
  • जीएसटी अधिनियम की कठिनाइयां दूर हुई हैं, इससे कराधान सुलभ हुआ है।
  • अकाउंटिंग में फंसे हुए पैसों को ढूंढा जा रहा है, अफसर लगातार इस पर काम कर रहे।
  • करदाताओं की समझ बढ़ी है। वे विभाग को संग्रहण करने में सहयोग कर रहे हैं।

अन्य स्त्रोतों से आय

मद          2021-22            2023-24
खनिज       5,950                 8,150
वन           1,311                 1,650
अन्य         4,481                  5,113
कुल         11,742               14,913
(आंकड़े करोड़ रुपए में।)

जीएसटीएन की कसावट वाली कार्यप्रणाली और मप्र के अधिकारियों के द्वारा छुपे हुए टैक्स के लिए किए जा रहा काम का जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने में अहम योगदान है। देशभर में जीएसटी कलेक्शन ग्रोथ में मप्र का तीसरा स्थान है। स्थानीय रहवासियों की क्रय क्षमता बढ़ने पर यह और बढ़ेगा। -सुदीप गुप्ता, अकाउन्टेंट मेंबर, एमपी कमर्शियल टैक्स अपील बोर्ड

विभाग का पूरा प्रयास वॉलन्ट्री कंप्लायंस बढ़ाने पर है। हम बड़े स्तर पर डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से राजस्व वृद्धि हो रही है।

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