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अविश्वास प्रस्ताव की मांग को 3 लाख लोगों का समर्थन

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग तेज हो रही है। कनाडा के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में एक पिटिशन भेजी गई है, जिसमें जस्टिन ट्रूडो की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई है। ई-4701 नाम से पेश की गई इस पिटिशन पर अब तक 3 लाख से ज्यादा लोग साइन कर चुके हैं। जस्टिन ट्रूडो 2015 में पीएम बने थे और तब से अब तक पहली बार उनके खिलाफ किसी याचिका को इतने लोगों का समर्थन मिला है। इस याचिका को विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के सांसद मिशेल फरारी ने स्पॉन्सर किया है।

पिटिशन में कहा गया है, ‘हम कनाडा के नागरिकों का जस्टिन ट्रूडो और लिबरल एवं एनडीपी गठबंधन सरकार पर भरोसा खत्म हो गया है।’ पिटिशन में मांग की गई है कि हाउस ऑफ कॉमंस में जस्टिन ट्रूडो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है तो फिर अगले 45 दिनों में ही देश में आम चुनाव कराए जाएं। फिलहाल कनाडा में अगले साल अक्टूबर तक इलेक्शन प्रस्तावित हैं। पिटिशन में कहा गया है कि मौजूदा सरकार देश हित में काम नहीं कर रही है। नागरिकों के हितों की पूर्ति नहीं हो पा रही है।

प्रवासी नागरिकों को लेकर गलत नीतियों, हाउसिंग की कीमतों में बड़ा इजाफा होने और महंगाई दर बढ़ने का हवाला देते हुए ट्रूडो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि बीते 8 सालों के कार्यकाल में लोगों ने जस्टिन ट्रूडो पर अपना भरोसा खो दिया है। ऐसा इस सरकार के कामकाज की वजह से हुआ है। यही नहीं याचिका में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर भी कनाडा की छवि खराब हुई है। हाल ही में आए ओपिनियन पोल्स में भी जस्टिन ट्रूडो सरकार को झटका लगा है। इन पोल्स में बताया गया है कि कंजरवेटिव पार्टी के मुकाबले जस्टिस ट्रूडो की पार्टी को 10 फीसदी कम वोट मिलने का अनुमान है।

इस तरह विपक्षी दल की आसानी से सरकार बनने का अनुमान है। ये ओपिनियन पोल्स और अब पेश की गई याचिका जस्टिन ट्रूडो सरकार के लिए झटका है। ऐसा पहली बार है, जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने जस्टिन ट्रूडो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग की है।

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