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बीजापुर मुठभेड़ फर्जी, मारा गया आदिवासी किसान महेश कुड़ियाम कोई माओवादी नहीं था – आम आदमी पार्टी
जांच समिति की रिपोर्ट में दावा न्यायिक जांच, मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग, सरकार से संवेदनशीलता दिखाने की अपील

ज़ोहेब खान……रायपुर। बीजापुर के ईरपागुट्टा गांव में आदिवासी युवक महेश कुड़ियाम की मौत को लेकर आम आदमी पार्टी ने बड़ा दावा किया है। पार्टी की जांच समिति की अध्यक्ष और प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने कहा कि महेश की मौत एक फर्जी मुठभेड़ है और वह कभी माओवादी नहीं था।
रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रियंका शुक्ला ने बताया कि पार्टी के जांच दल ने 28 जून को बीजापुर जाकर पीड़ित परिवार और गांववालों से मुलाकात की। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि महेश कुड़ियाम एक ईमानदार आदिवासी किसान था जो 2023 से स्कूल में रसोइया के रूप में काम कर रहा था।
महेश की पत्नी सुमित्रा कुड़ियाम ने जांच दल को बताया कि 6 जून को महेश भैंसा ढूंढने जंगल गया था लेकिन वापस नहीं लौटा। अगले दिन भी खोजबीन की गई, उसी दिन पटनम से लौट रहे एक युवक ने बताया कि किसी को पुलिसवालों ने हाथ बांधकर पकड़ा था। 8 जून को जब परिजन बीजापुर थाने पहुंचे, तब उन्हें महेश की तस्वीर दिखाकर शव सौंप दिया गया और उसे माओवादी करार दिया गया।