किसान संगठनो ने किया है भारत बंद का ऐलान जिसमे छत्तीसगढ़ बंद को काँग्रेस का मिला समर्थन

बालोद। संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार भारत बंद किया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन करते हुए व्यापारियों से सहयोग की अपील की थी। लेकिन बालोद जिले में बंद का कोई असर नही रहा । किसानो के समर्थन में भारत बंद के आह्वान पर आज सयुक्त ट्रेड यूनियन,किसान मोर्चा, युवा कांग्रेस, बौद्ध महासभा,सर्व आदिवासी समाज के नेतृत्व में किसानो की प्रमुख मांगो को लेकर दल्ली राजहरा के जैन भवन चौक में धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।
बालोद युवा काग्रेस के अध्यक्ष प्रशांत बोकड़े धरना प्रदर्शन में शामिल हुए और केंद्र की सरकार के खिलाफ जमकर हमला किया। ज्ञापन में बताया गया की विगत 10 वर्षों से केन्द्र सरकार की नीतियों किसानों, श्रमिकों व आम जनता को बदतर बना रही है, किसानों के लिए बनाये गये, 3 कृषि काले कानूनों को आंदोलन के दौरान वापस करते समय, सरकार ने किसानी से M.S.P. (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का वादा किया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया, देश के श्रमिक वर्ग ने मौजूदा, श्रम कानूनों को कड़ाई से लागू करने की मांग की थी।
लेकिन सरकार श्रम कानूनों को ही समाप्त करने/ की मंशा से अन संहिता बनाने व लागू करने की कवायद में जुटी हुई है। जो कि पूरी तरह श्रमिक कदम है। देश के तमाम् सार्वजनिक उपक्रमों को बेचा जा रहा है, मेहगाई व बेरोजगारी चरम सीमा पर होने पर भी सर द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है।किसानों की जाय दोगुनी करने के लिए M.S.P पर फसल खरीदी की गारंटी के लिए कानून बनायी जाय, फासलों की उत्पादन लागत कम करने के लिए बीज उरर्यक, बिजली व अन्य इनपुट पर सब्सिडी बढ़ायी जाय।
श्रम विरोधी बनाये गये नये 4 श्रम कोड को तत्काल रद्द किया जाय। देश में अनिकों के लिए 25 हजार रुपये वेतन व 10 हजार रुपये पेन्शन, कार्य स्थल पर सुख्खा, इलाज व सभी श्रमिकों के लिए पीएफ कटौती का नियम लागू किया जाय।भारतीय संविधान के निर्माता (भारत तत्न से अंलकृत) बाबा भीमराव अम्बेडकर द्वारा देशवासी जनता के हित में बनाई गयी संविधान पर हमला/छेड़छाड़ करना तत्काल बंद किया जाय।सार्वजनिक उपक्रमों व सरकारी सम्पतियों को निजी मालिकों के हाथों में सौंपने की नीति को तत्काल रद्द की जाय। हीट एण्ड रन जैसे (ड्राइवरों के लिए) नये काले कानून मोटर व्हीकल को रद्द किया जाय।
बिजली एक्ट 2000 को तत्काल रदद किया जाय।नई शिक्षा नीति को तत्काल वापस ली जाय। पूरे देश में पुरानी पेन्शन स्कीन को तत्काल लागू किया जाय। भारतीय न्याय संहिता में जनता के विरोध को दबाने वाले प्रावधानों को हटाया जाय व वकीलों से सलाह मसूरा के बाद ही लागू किया जाय। देश भर में हर पाँच वर्षों में होने वाले लोकसभा व विधानसमा की चुनावी प्रकिया में प्रयुक्त EVM उपकरण की विश्वनीयता पर उठते सवालों/आंदोलनों को दृष्टिगत रखते हुए अगामी सभी चुनाव पूर्व की भाँति बैलेट पेपर से ही करायी जाय।