वायु प्रदूषण के कारण 60% छोड़ना चाहते हैं शहर

नई दिल्ली. AQI या एयर क्वालिटी इंडेक्स, प्रदूषण का स्तर दिखाने वाला ये शब्द सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। राजधानी दिल्ली और मुंबई समेत कई बड़े शहरों में जनता लगभग हर रोज इसका सामना कर रही है। अब हालात ऐसे बन चुके हैं कि आधे से ज्यादा रहवासी शहर छोड़ने तक का मन बना रहे हैं। डॉक्टर भी प्रदूषण से होने वाली समस्याओं को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं।
दिल्ली और मुंबई में रहने वाले 60 प्रतिशत लोग दोनों शहरों में वायु प्रदूषण से खराब होते हालात के मद्देनजर कहीं और जाने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। यह खुलासा एक नवीनतम अध्ययन में हुआ है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता प्रिस्टिन केयर ने दिल्ली, मुंबई और आसपास के इलाकों के चार हजार लोगों पर किए गए सर्वेक्षण के आधार पर यह नतीजे पेश किए हैं।
अध्ययन में शामिल 10 में से नौ उत्तरदाताओं ने AQI में गिरावट के सबसे आम लक्षणों जैसे लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, घरघराहट, गले में खराश और आंखों से पानी निकलने या खुजली का अनुभव करने की बात कही। सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘दिल्ली और मुंबई में 10 में से छह निवासी ने खराब वायु गुणवत्ता और प्रदूषण के कारण स्थानांतरित होने पर विचार करने की बात कही।’
सर्वेक्षण के नतीजों में सामने आया कि वायु गुणवत्ता में गिरावट खासतौर पर सर्दियों के मौसम की वजह से लोगों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सर्दियों के मौसम में अपने प्रियजनों में अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी पहले से मौजूद श्वसन संबंधी समस्याओं में वृद्धि होने की बात कही। अध्ययन के मुताबिक, ‘दिल्ली और मुंबई में 10 में से चार लोगों को हर साल या कुछ वर्षों में वायु प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के लिए इलाज की जरूरत पड़ती है।’