इंटरनेट पर ‘राइट टू प्राइवेसी’ : आपकी निजता, आपकी जिम्मेदारी
क्या आपका डेटा सुरक्षित है? जानिए निजता के अधिकार और उसकी अहमियत।

क्राइम छत्तीसगढ़………रायपुर। आज के डिजिटल युग में इंटरनेट हमारी जरूरत बन चुका है, लेकिन इसके साथ ही निजता का अधिकार (राइट टू प्राइवेसी) एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। ऑनलाइन एप्लिकेशन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते उपयोग के बीच यह समझना जरूरी है कि कहीं हमारी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा।
किराये पर वाहन लेकर बेचने और गिरवी रखने वाला शातिर आरोपी गिरफ्तार!
मुख्य बिंदु:
क्या आप बिना सोचे ‘Allow Access’ का बटन दबाकर खतरे में हैं?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा की गई जानकारी का अधिकार किसके पास है?
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ‘राइट टू प्राइवेसी’ को मौलिक अधिकार घोषित किया।
इंटरनेट पर डेटा चोरी और निजता के उल्लंघन के बढ़ते मामले।
https://youtube.com/shorts/jfvxbOCPkNU?si=EBsVqaLcc9syDJpS
निजता का अधिकार: हर नागरिक का मौलिक अधिकार
वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट के पुत्तास्वामी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में यह ऐतिहासिक फैसला आया कि निजता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह सरकारी हो या गैर-सरकारी, आपके निजी जीवन में दखल नहीं दे सकता।
डेटा चोरी: इंटरनेट पर बढ़ती चुनौती
आज के समय में हम अपने फोन में दर्जनों एप्लिकेशन डाउनलोड करते हैं। ये एप्लिकेशन हमारे फोटो, वीडियो, कॉन्टैक्ट्स, और अन्य निजी जानकारियां एक्सेस करने की अनुमति मांगती हैं। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि ये जानकारी कहां इस्तेमाल हो रही है?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर हमारी व्यक्तिगत जानकारी मौजूद है। अगर यह डेटा किसी थर्ड पार्टी को साझा किया जाता है, तो यह हमारे निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
क्या करें?
1. सोच-समझकर ‘Allow Access’ का बटन दबाएं।
2. किसी भी एप्लिकेशन की प्राइवेसी पॉलिसी जरूर पढ़ें।
3. संवेदनशील जानकारी को ऑनलाइन साझा करने से बचें।
4. साइबर सुरक्षा के लिए दो-स्तरीय सुरक्षा (Two-Factor Authentication) का उपयोग करें।
5. साइबर अपराध की शिकायत के लिए संबंधित प्राधिकरण से संपर्क करें।
चेतावनी और जिम्मेदारी
हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) साइबर अपराधों पर रोकथाम के लिए बनाया गया है, लेकिन व्यक्तिगत सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।
आपका डेटा, आपकी जिम्मेदारी। सावधान रहें, सुरक्षित रहें।
इंटरनेट का सही और सुरक्षित उपयोग करें ताकि आप अपनी निजता को बनाए रख सकें।