मेडिकल आधार पर ज़मानत, अनुयायियों से दूरी: आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
इलाज के लिए 31 मार्च तक अंतरिम ज़मानत, कोर्ट ने लगाई कड़ी शर्तें

ज़ोहेब खान…….रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के बहुचर्चित बलात्कार मामले में दोषी आसाराम बापू को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर अंतरिम ज़मानत दी है। अदालत ने कड़ी शर्तें लगाते हुए साफ किया है कि ज़मानत की अवधि में आसाराम अपने अनुयायियों से नहीं मिलेंगे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे। यह ज़मानत 31 मार्च तक मान्य रहेगी।
11 साल बाद मिली अस्थायी राहत
जोधपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में ज़मानत की याचिका दायर की थी। अदालत ने उनके इलाज के लिए यह ज़मानत दी है। आसाराम पिछले 11 साल से जेल में बंद हैं।
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गंभीर आरोप और उम्रकैद की सजा
2013 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर जोधपुर के मणई गांव स्थित आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामले की सुनवाई के बाद 2018 में सेशन कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त, गांधीनगर कोर्ट ने भी बलात्कार के एक अन्य मामले में उन्हें दोषी ठहराया था।
आसाराम के बेटे नारायण साईं भी दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश
अदालत ने निर्देश दिया है कि ज़मानत की अवधि में आसाराम अपने अनुयायियों से दूरी बनाए रखेंगे और कानून के दायरे में रहते हुए ही अपना इलाज कराएंगे। यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी शर्त के उल्लंघन पर उनकी ज़मानत रद्द हो सकती है।
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