विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त भारत पर कार्यशाला का आयोजन
स्वच्छ भारत 4.0 के तहत प्लास्टिक मुक्त समाज की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

क्राइम छत्तीसगढ़………ऋषिकेश। पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, ऋषिकेश में ई-राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय (उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड, लखनऊ) के संयुक्त तत्वावधान में स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त भारत विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम स्वच्छता एक्शन प्लान के अंतर्गत स्वच्छ भारत 4.0 के तहत आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ एनएसएस बैज अलंकरण द्वारा किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता परिसर के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि प्लास्टिक बैग, बोतलें, इलेक्ट्रॉनिक सामान और खिलौने जैसे उत्पाद नहरों, नदियों और झीलों के जल प्रवाह को रोक रहे हैं। दुनिया भर में हर साल लगभग 100 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से 25 मिलियन टन ऐसा प्लास्टिक है जो नष्ट नहीं हो पाता और पर्यावरण तथा मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर डॉ. विनोद जुगलान ने कहा कि भारत में एकल-उपयोग प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन और इसके उपयोग को कम करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वच्छता न केवल हमारे स्वास्थ्य बल्कि हमारे वातावरण की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
वनस्पति विज्ञान की प्राध्यापक डॉ. प्रीति खंडूरी ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि स्वच्छता का पालन करना क्यों आवश्यक है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे विश्वविद्यालय परिसर के साथ-साथ अपने आस-पास के वातावरण और सार्वजनिक स्थलों को भी स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाए रखें।
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नमामि गंगे के नोडल अधिकारी एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने बताया कि पॉलीथिन और प्लास्टिक का प्रयोग गांव से लेकर शहर तक लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। नगर क्षेत्रों का ड्रेनेज सिस्टम पॉलीथिन के कारण अवरुद्ध हो जाता है और प्लास्टिक के गिलासों में गर्म पेय का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
कार्यक्रम अधिकारी सीमा बेनीवाल ने कहा कि स्वच्छता कार्य योजना गांधीजी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए एक मील का पत्थर पहल है। यह सभी क्षेत्रों में स्वच्छता को व्यापक, जवाबदेह और निरंतर तरीके से मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के कोऑर्डिनेटर डॉ. गौरव वासने, डॉ. पारूल मिश्रा और प्रो. पुष्पांजलि आर्या ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में महक, पायल जोशी, यश गर्ग, मृत्युंजय गुप्ता, प्रिंस, राहुल, रविना, मानसी रिंगोला, मोनिका पांडे, सरिता, अनामिका, साक्षी नैथानी, पीयूष गुप्ता, रोहित सिंह, सुजाल, संजना पाल, सुषमा आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।