
ज़ोहेब खान……. रायपुर,खास रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में पैरामेडिकल कॉलेजों की आड़ में चल रहे फर्जीवाड़े ने सैकड़ों छात्रों के भविष्य को अधर में लाकर खड़ा कर दिया है। रायपुर में “एप्पल कॉलेज” “एम के कॉलेज” और “सृष्टि पैरामेडिकल कॉलेज” नाम से संचालित संस्थान इस घोटाले का प्रमुख उदाहरण बनकर सामने आया है, जहां कभी भोपाल की मानसरोवर यूनिवर्सिटी के नाम पर तो कभी मध्यप्रदेश में और कई यूनिवर्सिटी ऐसी है जिनके नाम पर बीपीटी (बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी) कोर्स में एडमिशन लिए गए।
बताया गया है कि छात्रों को अच्छी पढ़ाई और डॉक्टर बनाने का सपना दिखाकर भारी भरकम फीस ली गई, लेकिन न तो कॉलेज में पढ़ाई करवाई गई, न ही किसी प्रकार की मेडिकल ट्रेनिंग। शिकायतों के बाद कॉलेज को बंद करने का दिखावा किया गया, लेकिन छात्रों से कहा गया कि “पढ़ाई पर ध्यान दो”, जबकि उनको न तो पढ़ाया गया और न ही किसी सिलेबस की जानकारी दी गई।
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जिन छात्रों ने विरोध किया, उन्हें भोपाल जाकर पढ़ाई करने की बात कही गई। सवाल उठता है कि जब रायपुर में संस्थान का संचालन किया गया और इसे छत्तीसगढ़ में अधिकृत बताया गया, तो छात्रों को बाहर जाने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है?
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, ऐसे ही लगभग 70 फर्जी संस्थान रायपुर और छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में संचालित हैं, जो छात्रों और उनके अभिभावकों से मोटी रकम लेकर भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
वर्ष 2024 में इन संस्थानों की शिकायतें शासन-प्रशासन तक पहुंचाई गई थीं, लेकिन आज तक किसी भी ठोस कार्यवाही का न होना, इस पूरे गोरखधंधे में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
अब देखने वाली बात यह है कि शासन कब नींद से जागता है और उन छात्रों को न्याय मिलता है, जिनका भविष्य इन फर्जी संस्थानों ने अंधकार में धकेल दिया है। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो यह शिक्षा क्षेत्र में एक और बड़ा घोटाला बन सकता है, जिसका खामियाजा निर्दोष छात्र और उनके परिवार भुगतेंगे।