
क्राइम छत्तीसगढ़ न्यूज़…….मुंबई — महाराष्ट्र की 51 वर्षीय आईपीएस अधिकारी रश्मि करंदीकर के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। निर्धारित समय सीमा में पुलिस महानिदेशक (डीजी) कार्यालय में अपनी अनिवार्य संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा जमा न करने पर उनकी गोपनीय घोषणा खोली गई, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ — ₹2.64 करोड़ वाला एक बैंक खाता जिसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी थी।
अब यह मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच के घेरे में आ गया है। करंदीकर का दावा है कि यह खाता पूरी तरह उनके पति पुरुषोत्तम चव्हाण द्वारा संचालित है और उनसे इसका कोई संबंध नहीं है।
53 वर्षीय चव्हाण पर पहले से ही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में दो एफआईआर दर्ज हैं। आरोप है कि उन्होंने सरकारी भूखंड और नासिक पुलिस अकादमी को टी-शर्ट व हुडी सप्लाई के ठेकों के नाम पर छह लोगों से ₹7.42 करोड़ की ठगी की। इसके अलावा, 2014 से 2019 के बीच सरकारी आवास योजनाओं के तहत किफायती फ्लैट दिलाने के नाम पर 19 लोगों से ₹24.78 करोड़ हड़पने का मामला भी सामने आया है।
पति के खिलाफ कुल लगभग ₹32 करोड़ की ठगी के आरोप और खुद पर अघोषित खाते का मामला आने के बाद, करंदीकर अब आंतरिक व एसीबी जांच के केंद्र में हैं। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या उन्हें इस अघोषित धन की जानकारी थी या इसमें उनकी कोई मिलीभगत रही है।