
ज़ोहेब खाना……..रायपुर। सरकारी शराब दुकानों का खेल अब खुलेआम हो रहा है और ADO प्रकाश देशमुख के सर्कल में यह खेल चरम पर है। कोचीयाओं तक अवैध शराब की सप्लाई धड़ल्ले से जारी है, लेकिन दुकाने घाटे में! सवाल ये— पैसा कहाँ जा रहा है?
सड्डू सरकारी शराब दुकान के सुपरवाइजर की रंगे हाथों गिरफ्तारी के बाद उम्मीद थी कि गोरखधंधा रुकेगा, मगर हुआ उल्टा— सप्लाई की रफ्तार जस की तस! क्राइम छत्तीसगढ़ के खुलासे के बाद भी देशमुख के सर्कल की हर दुकान से कोचीयाओं तक माल पहुँच रहा है।
ऊपर से मिली ‘छूट’?
सूत्रों का दावा— देशमुख साहब ऊपर तक मलाई पहुँचा रहे हैं, शायद यही वजह है कि DC साहब की आँखें भी बंद हैं। कार्रवाई सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर होती है, जबकि असली खिलाड़ी सलामत हैं।
गरीबों को बनाते हैं बलि का बकरा
खुलासा ये भी— पहले गरीब युवाओं से पैसे लेकर नौकरी दी जाती है, फिर कुछ ही महीनों में उन्हें ‘बलि का बकरा’ बना कर जेल भेज दिया जाता है। असली गुनहगार? वो तो ऊपर बैठ कर मजे ले रहे हैं।
क्राइम छत्तीसगढ़ का सवाल
दुकानों में माइनस क्यों?
पैसा कहाँ जा रहा है?
ADO देशमुख पर कार्रवाई कब होगी?
हर बार खानापूर्ति से बड़े अफसर क्यों बच जाते हैं?
क्राइम छत्तीसगढ़ ने पहले भी BIS कंपनी की उगाही और सरकारी शराब दुकानों में ओवररेटिंग का पर्दाफाश किया है। अब इस ‘कोचीयागिरी’ के खेल में और भी बड़े खुलासे होने बाकी हैं।
बने रहिए, अगले धमाके के लिए क्राइम छत्तीसगढ़ के साथ धन्यवाद 🙏🏻