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कोयला ब्लॉक घोटाला : हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद समेत सभी आरोपियों को मिली अंतरिम जमानत

रायपुर। कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़े केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य विजय दर्डा, देवेन्द्र दर्डा समेत जेएलडी के निदेशक को सजा सुनाई थी। मगर अब दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके बेटे देवेन्द्र दर्डा, मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जयसवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

दरअसल, कोर्ट ने इन आरोपियों की तरफ से सजा के निलंबन की मांग को लेकर दायर अर्जी पर जवाब देने के लिए सीबीआई को वक्त दिया है। साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस भी जारी कर दिया है। बता दें, कि कोर्ट ने विजय दर्डा को 4 साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जायसवाल और दो अधिकारी केएस क्रोफा और केसी सामरिया को 3-3 साल के कारावास की सजा सुनाई थी।

सीबीआई ने इस मामले कोर्ट को जानकारी दी थी कि इन आरोपियों ने फ्रॉड करके कोल ब्लॉक हासिल किया है। इसके लिए पात्रता शर्तों पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया था।

अदालत ने पहले वरिष्ठ लोक अभियोजक एपी सिंह द्वारा प्रस्तुत तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा था कि सीबीआई ने किसी भी उचित संदेह से परे मामले को सफलतापूर्वक साबित कर दिया है। कोर्ट द्वारा सजा पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने यह दावा करते हुए अधिकतम सजा की मांग की थी कि दर्डा और उनके बेटे ने जांच को प्रभावित करने के लिए तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा से उनके आवास पर मुलाकात की थी। आगे दावा किया गया कि मामले में एक गवाह ने कहा कि उसे मनोज कुमार जायसवाल ने धमकी दी थी, जिसने उसे उसके खिलाफ गवाही न देने के लिए प्रभावित करने की कोशिश की थी।

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