छत्तीसगढ़

जिला बनने के बाद 2012 में तरौद से दैहान तक बायपास बनाने शासन ने मंजूरी दी लेकिन 2024 तक भी नही बना बायपास?

जाहिद खान

जिला बनने के बाद 2012 में तरौद से दैहान तक बायपास बनाने शासन ने मंजूरी दी लेकिन 2024 तक भी नही बना बायपास?

बालोद। जिला बनने के बाद 2012 में तरौद से दैहान तक बायपास बनाने शासन ने मंजूरी दी है। फाइनल डीपीआर पर मुहर लगाते हुए 2016 में 40 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी मिल गई। जिला स्तर पर वन विभाग व लोक निर्माण विभाग ने प्रक्रिया पूरी कर ली, लेकिन तकनीकी खामी के कारण आठ साल बाद भी मामला शासन के पास ही है।वन विभाग के मुताबिक शासन स्तर पर वन संरक्षण अधिनियम के तहत कुछ प्रक्रिया बाकी है। उम्मीद है कि जल्द प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद बायपास निर्माण में कोई परेशानी नहीं होगी।इस प्रोजेक्ट की पूरी प्रक्रिया होने के बाद पीडब्ल्यूडी 7.80 किमी सड़क को 10 मीटर चौड़ा करने टेंडर, एजेंसी चयन सहित अन्य प्रोसेस करेगा। अभी देरी के लिए पीडब्ल्यूडी व वन विभाग के अफसर एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं। बालोद शहर सहित 15 गांव के लोग सड़क बनने का इंतजार कर रहे हैं। नए साल में सौगत मिलने की उम्मीद है।
पीडब्ल्यूडी ने लगभग 2500 से 3000 पेड़ों को काटने के लिए चिन्हांकन किया है। पीडब्ल्यूडी ने चिन्हांकन कर वन विभाग को दे दिया। पीडब्ल्यूडी 35 किसानों से 10 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने के बाद सभी किसानों को मुआवजा भी दे दिया है। अब वन विभाग की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही आगे की कार्यवाही करेगा।तरौद से दैहान तक तरौद, अमलीडीह, खेरथाडीह और दैहान होते हुए सड़क बनाई जाएगी। सड़क 7.8 किमी लंबी व 10 मीटर चौड़ी होगी। बायपास बन जाने पर नगर में भारी वाहनों का प्रवेश नहीं होगा। नगरवासियों को हैवी ट्रैफिक से राहत मिलेगी।बालोद शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए भारी मालवाहक वाहनों को शहर से बाहर से होते हुए आवागमन की सुविधा व शहर के अंदर ट्रैफिक दबाव कम करने बायपास की स्वीकृति 2016 में मिली थी। सिर्फ सर्वे व मुआवजा प्रक्रिया में ही चार साल बीत गए।यह बायपास बालोद-दल्ली मुख्य मार्ग में दैहान के पास से सीधे अमलीडीह, खेरथाडीह होते हुए तरौद के पास मिलेगा, जितने भारी मालवाहक वाहन हैं, वह इसी मार्ग से होते हुए जुंगेरा व पाररास से बायपास होते हुए पड़कीभाट बालोद- दुर्ग मार्ग से होते हुए दुर्ग या फिर धमतरी निकलेंगे। इसी मार्ग से वापसी होते हुए राजनांदगांव, दल्लीराजहरा जाएंगे।

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