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गंगा स्वचाता पखवाड़ा के तहत जनजागरूकता और जन सहभागिता के माध्यान से लोगों को गंगा सफाई के प्रति जोड़ना है।

ऋषिकेश।पण्डित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्व विद्यालय परिसर, ऋषिकेश के नमामि गंगे प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ,राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ,जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखण्ड के सहयोग से गंगा स्वच्छता पखवाड़े के के संयुक्त तत्वाधान से चलाए जा रहे हैं

नमामि गंगे स्वच्छता पखवाड़ा 16 मार्च 31 मार्च के अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर के छात्र-छात्राओं द्वारा त्रिवेणी घाट में स्वच्छता अभियान चला कर स्थानीय लोगों एवं विभिन्न राज्यों से आए तीर्थ यात्रियों को स्वच्छता के प्रतिजागरुक कर स्वच्छ रहने का संदेश दिया स्वयंसेवियों द्वारा श्रमदान कर गंगाजल से कपड़े, पॉलिथीन,ईश्वर की तस्वीरें और धार्मिक वस्तुओं को निकाला।

इस दौरान स्वयंसेवकों ने गंगा तट से बड़ी मात्रा में कूड़ा एकत्र कर निस्तारण के लिए भेजा। उपस्थिति जनसमुदाय को मं गंगा स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि गंगा स्वचाता पखवाड़ा के तहत जनजागरूकता और जन सहभागिता के माध्यान से लोगों को गंगा सफाई के प्रति जोड़ना है। नमामि गंगे योजना के तहत नदी किनारे स्थित नगरीय क्षेत्रों, कस्बों, पाटों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को राष्ट्रीय नदी को स्वयछ बनाने एवं उसमें जलीय जंतुओं की संरक्षित करने के प्रति जागरूकता लाना है। स्वच्छ भारत साझी जिम्मेदारी हैै। इसलिए स्वच्छ भविष्य की शुरुआत के लिए उत्कृष्ट प्रयास में शामिल हों।स्वच्छता अभियान का उद्देश्य केवल आसपास की सफाई करना ही नहीं है अपितु नागरिकों की सहभागिता से अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है। स्वच्छ भारत मिशन खुले में शौच को खत्म करने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करने और खुले में शौच मुक्त गांव बनाने के लिए 2 अक्टूबर 2014 को भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक देशव्यापी अभियान है।

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