ज्योतिष-धर्म

झलमला के प्रसिद्ध मंदिर देवी गंगा मैया की कहानी अंग्रेजी शासन काल से जुड़ी है……पढ़े पूरी खबर

जाहिद खान…….बालोद।बालोद जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम झलमला में देवी गंगा मैया का प्रसिद्ध मंदिर है। गांगा मैया के अवतरण और मंदिर स्थापना की कहानी अंग्रेजों के शासन काल से जुड़ी हुई है। 130 साल पुरानी है झलमला में नहर किनारे अवतरण की कथा।लगभग 130 साल पहले जिले की जीवन दायिनी तांदुला नदी पर नहर का निर्माण चल रहा था। उस दौरान झलमला की आबादी मात्र 100 थी। सोमवार को वहां बड़ा साप्ताहिक बाजार लगता था। बाजार में दूर-दराज से पशुओं के झुंड के साथ बंजारे आया करते थे। उस दौरान पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण पानी की कमी महसूस की जाती थी। पानी की कमी को दूर करने बांधा तालाब की खुदाई कराई गई। गंगा मैय्या के प्रादुर्भाव की कहानी इसी तालाब से शुरू होती है।

मंदिर समिति के सदस्य ने बताया कि एक दिन ग्राम सिवनी का एक केवट मछली पकडऩे के लिए इस तालाब में गया। जाल में मछली की जगह एक पत्थर की प्रतिमा फंस गई। केंवट ने अज्ञानतावश उसे साधारण पत्थर समझ कर फिर से तालाब में डाल दिया। इस प्रक्रिया के कई बार पुनरावृत्ति से परेशान होकर केंवट जाल लेकर अपने घर चला गया।
देवी ने गांव के गोंड़ जाति के बैगा को स्वप्न में आकर कहा कि मैं जल के अंदर पड़ी हूं। मुझे जल से निकालकर मेरी प्राण-प्रतिष्ठा करवाओ। स्वप्न की सत्यता को जानने के लिए तत्कालीन मालगुजार छवि प्रसाद तिवारी, केंवट और गांव के अन्य प्रमुखों को साथ लेकर बैगा तालाब पहुंचा। केंवट द्वारा जाल फेंके जाने पर वही प्रतिमा फिर जाल में फंस गई। फिर प्रतिमा को बाहर निकाला गया, उसके बाद देवी के आदेशानुसार छवि प्रसाद ने अपने संरक्षण में प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई। जल से प्रतिमा निकली होने के कारण गंगा मैय्या के नाम से विख्यात हुई।बताया जाता है कि तांदुला नहर निर्माण के दौरान गंगा मैया की प्रतिमा को वहां से हटाने बहुत प्रयास किए। ऐसी मान्यता है कि इसके बाद अंग्रेज एडम स्मिथ सहित और अन्य अंग्रेज साथियों की मौत हो गई थी।झलमला के ग्रामीणों ने बताया कि गंगा मैया के भक्त ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी है। राज्य एवं देश के लोग जो विदेशों में जा बसे हंै वे भी मंदिर में नवरात्रि पर मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करवाते हैं। उनकी मान्यता है सच्चे मन और श्रद्धा रखने वाले भक्तों की मनोकामनाएं देवी गंगा मैया पूरी करती है। हर साल चैत्र व क्वांर नवरात्रि में नौ दिनों तक विविध धार्मिक आयोजन होते है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button