छत्तीसगढ़

आपदा को अवसर में बदलने की ताकत बालोद जिले की महिलाओं ने दिखाई

जाहिद खाना…….. बालोद। आपदा को अवसर में बदलने की ताकत बालोद जिले की महिलाओं ने दिखाई है। इस साल भी रक्षाबंधन के पावन त्यौहार के लिए समूह की महिलाएं स्थानीय स्तर पर राखियों की आपूर्ति कर रही हैं। इन राखियों में छत्तीसगढ़ की माटी की महक तो है ही साथ ही दर्जनों महिलाओं को घर बैठे काम भी मिला है।जिले के स्व-सहायता समूहों की महिलाएं भाईयों के लिए धान की बालियों,चावल, सब्जी बीज,बांस,गोबर एव बास आदि स्थानीय उपलब्ध सामग्रियों राखियां बना रही हैं। जिले में राखियो की विक्रय करने के लिए शासकीय कार्यलयों,जनपद पंचायतों, जिला कार्यलय सहित स्थानीय हाट बाजारों व शासकीय कार्यालयों में स्टाल लगाकर बेची जा रहा है।

 

बालोद बंधन के ब्रांड से बेची जा रही हैं राखियां

महंगी चाइनीज, फैंसी राखियों के स्थान पर यह देसी राखियां सस्ती: महंगी चाइनीज फैंसी राखियों की जगह कलेक्टर इंद्रजीत चंद्रवाल की पहल पर बिहान समूह की महिलाएं उपलब्ध स्थानीय सामग्री जैसे धान की बालियां, बांस और सब्जी बीज से राखियां बना रही है।इन राखियो को बालोद बंधन का नाम दिया गया हैं।जिसे आकर्षक पेकिंग के साथ विक्रय किया जा रहा हैं।इन राखियो की कीमत बाजार में उपलब्ध अन्य फैंसी रखिए की तुलना में बहुत ही कम दर पर विक्रय किया जा रहा हैं, इन राखियो को अधिकतम 10 रुपये एव 35 रुपये की दर से विक्रय किया जा रहा हैं।

 

जिले के 05 स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाई जा रही है रखिया

जिला बालोद में बिहान महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निरंतर विभिन्न गतिविधियों के बीच रक्षाबंधन के पावन त्यौहार के अवसर पर राखी की मांग के अनुरूप धान, सब्जी, बीज एव बांस आदि स्थानीय उपलब्ध सामग्रियों से राखी तैयार किया जा रहा है। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित इन राखियों की बिक्री स्थानीय हॉट बाजार एवं शासकीय कार्यालय में सस्ते दामों में विक्रय हेतु तैयार है। जिले के 05 स्व-सहायता समूहों द्वारा राखी बनाया जा रहा है।

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अन्य जिलों से आ रही हैं राखियो की मांग

सहायक परियोजना अधिकारी नितेश साहू ने बताया कि जिले के बाहर से भी मांग आ रही है।धान, सब्जी, बीज, बांस आदि से बने इन आकर्षक राखियों को जिले वासियों द्वारा बेहद पंसद किया जा रहा है। जय मां पहाड़ी स्व-सहायता समूह कि श्रीमती कुसुम सिन्हा बताती है कि बिहान से प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है इसके पश्चात् यह कार्य विगत 03 वर्षों से कार्य कर रहे है बाजार में इसकी अच्छी मांग है।

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इस वर्ष विक्रय किया गया 08 हजार नग राखिया

गत वर्ष हमारे द्वारा 21 हजार नग 2.65 लाख रू. बनाकर विक्रय किया गया। इस वर्ष भी अभी तक 9000 बना लिया गया है 8000 नग का विक्रय कर लिया गया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. संजय कन्नौजे ने बताया कि 05 स्व-सहायता समूह की 21 महिलाओं द्वारा राखियों का निर्माण कराया जा रहा है इनके द्वारा लगभग 40 हजार नग राखी बनाने का लक्ष्य रखा गया है इन समूहों को प्रशिक्षण एवं अन्य तकनीकी सहयोग प्रदाय किया जा रहा है साथ ही कुछ बड़े व्यापारियों को सैम्पल भेज ऑर्डर भी प्रदाय कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त विभिन्न शासकीय कार्यालयों में स्टॉल आदि के माध्यम से विकय कराये जाने की योजना है जिससे की स्व-सहायता समूह के महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आय प्राप्त हो।

 

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