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रायपुर में महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन की ऐतिहासिक रैली की तैयारी तेज़ — रथ यात्रा और बुद्ध विहार बैठकों से जागा जनसमर्थन

क्राइम छत्तीसगढ़……..रायपुर। बोधगया स्थित महाबोधि महाविहार की मुक्ति को लेकर चल रहे राष्ट्रव्यापी आंदोलन ने रायपुर में जबरदस्त रफ्तार पकड़ ली है। 27 जुलाई को प्रस्तावित ऐतिहासिक महारैली को सफल बनाने के लिए आज राजधानी की सड़कों पर विशेष प्रचार रथ यात्रा निकाली गई, जिसने पूरे शहर को आंदोलन के रंग में रंग दिया।
यह प्रचार रथ संजय गजघाटे के नेतृत्व और रतन डोंगरे व अनिल बोरकर की सक्रिय सहभागिता में रवाना हुआ। इस रथ ने रायपुर के विभिन्न वार्डों, गलियों और बस्तियों में जाकर आमजन को महाबोधि आंदोलन की पृष्ठभूमि, उद्देश्य और ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराया। जनता को रैली में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान करते हुए आयोजकों ने कहा –
“यह केवल एक मांग नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, धार्मिक अधिकार और अस्मिता की वापसी की लड़ाई है।”
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बुद्ध विहारों में बैठकें, जन-जागरण का आह्वान
रैली को ऐतिहासिक बनाने की रणनीति के तहत आज रायपुर के विभिन्न बुद्ध विहारों में विशेष बैठकें आयोजित की गईं।
इनमें प्रमुख रूप से
करूणा बुद्ध विहार, बीरगांव
विजय नगर बुद्ध विहार
रामेश्वर नगर विहार
डब्ल्यू डब्ल्यू आर एस पंचशील बुद्ध विहार
भनपुरी बौद्ध संघ
इन बैठकों में भारतीय बौद्ध महासभा, जिला इकाई रायपुर के महासचिव विजय गजघाटे के नेतृत्व में विजय चौहान, हितेश गायकवाड़, राहुल वरके, महेश बोरकर, कमलेश रामटेके सहित अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे। बैठक में रैली की रूपरेखा, रणनीति और जनसंपर्क अभियान पर चर्चा की गई।
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एक स्वर, एक संकल्प: “महाबोधि महाविहार को मुक्ति दिलानी है”
इस आंदोलन को सिर्फ रायपुर या छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि यह देशभर के बौद्ध समाज की चेतना, सम्मान और अधिकारों की लड़ाई बन चुका है। रैली को जनांदोलन में बदलने हेतु जनजागृति अभियान, गली-मोहल्लों में जनसंपर्क, और सोशल मीडिया प्रचार युद्ध स्तर पर जारी है।