देश

रुपये के आगे नतमस्तक होगा डॉलर, खाड़ी में यूएस को दिखी भारत की पावर?

नई दिल्ली: करीब दो सालों से अमेरिका महंगाई को कम करने और डॉलर को मजबूत करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा करता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर ग्लोबल इकोनॉमी में डॉलर को लेकर अलग से नैरेटिव भी क्रिएट हो रहा है वो ये कि अब डॉलर के बजाय दुनिया के बाकी देश अपनी-अपनी करेंसी को मजबूत करें. इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए भारत यूएई आगे आ गए हैं.

भारत ने यूएई से एक मिलियन ब्रैरल क्रूड ऑयल खरीदा है. जिसके लिए भारत ने यूएई को रुपये में भुगतान किया है. यह खरीद भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के जुलाई में यूएई विजिट के बाद देखने को मिली है. इससे पहले दोनों देशों के बीच डॉलर में भुगतान होता था.

अब रुपये और दिरहम में ट्रांजेक्शन होने के एग्रीमेंट के बीच डॉलर या यूं कहें कि अमेरिका को बड़ा झटका लगा है. साथ ही अमेरिका को भारत ने खाड़ी देशों में अपनी मजबूत स्थिति का भी अहसास करा दिया है. इसके अलावा उन देशों को भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में जिन भी देशों के साथ भारत के मजबूत कारोबारी संबंध हैं, उनसे वो रुपये में ही कारोबार करेगा.

ये होगा फायदा

दुनिया भर में अधिकांश कमोडिटी डील्स आमतौर पर डॉलर में तय होती हैं, लेकिन दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑयल इंपोर्टर और कंज्यूमर भारत ने पिछले महीने संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक कांट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए, जिसमें डॉलर के बजाय रुपये का उपयोग करने का दरवाजा खोला गया, जो ट्रांजेक्शन से डॉलर कंजर्वन को हटाकर कॉस्ट को कम करेगा. दोनों क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन को आसान बनाने के लिए रियल टाइम पेमेंट मैकेनिज्म लागू करने पर भी सहमत हुए.

हाल ही रुपये में खारीदा था 25 किलो गोल्ड

सोमवार की डील भारत द्वारा यूएई को रुपये में कच्चे तेल का पहला पेमेंट है. हाल ही में भारत के खरीदार ने यूएई के एक गोल्ड कारोबारी से 25 किलो गोल्ड खरीदा है. जिसके रुपये में ही भुगतान हुआ है. यह कदम नॉन-वेस्टर्न देशों की ओर से डॉलर की बादशहत को खत्म करने के लिए लिया गया है. पिछले साल अमेरिका द्वारा रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से डीडॉलराइजेशन में तेजी आई है, और चीन और भारत से लेकर फ्रांस और इजराइल तक सभी देशों ने इसमें अपनी गहरी इच्छा दिखाई है.

चीन कर रहा है कोशिश

ब्रिक्स देशों के लीडर्स, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं – ने अपनी स्वयं की करेंसी पर विशेष जोर दिया है. इस बीच, चीन डॉलर का मुकाबला करने के लिए युआन का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है और उसने ब्राजील और अर्जेंटीना के साथ करेंसी डील की है. जबकि डॉलर भुगतान के तरीके के रूप में प्रमुख बना हुआ है, यूरीजोन एसएलजे कैपिटल के मुख्य कार्यकारी स्टीफन जेन ने इस साल की शुरुआत में एक नोट में लिखा था कि 2022 में ग्लोबल रिजर्व में डॉलर की हिस्सेदारी में तेजी से गिरावट आई है, जो पिछले दो दशकों में देखी गई औसत गति से लगभग 10 गुना कम हो गई है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button