विदेश

भारत के साथ बढ़ी तल्खी के बाद कनाडा से पंजाबी युवाओं का मोह भंग

कनाडा में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद पनपे तल्खी वाले हालात का असर अब साफ देखने को मिल रहा है। सबसे ज्यादा असर उस कम्युनिटी पर पड़ा है, जिसे विदेश-खासकर कनाडा में जाकर बसने के लिए ही जाना जाता है। अब पंजाबियों का कनाडा के प्रति मोह भंग होता जा रहा है और इसी का नतीजा है कि बीते 6 महीने में 42 हजार पंजाबी कनाडा की पीआर छोड़कर भारत वापस लौट आए हैं। हालांकि इसके कुछ दूसरे कारण भी हैं।

इस बात में कोई दो राय नहीं कि 18 जून 2023 में कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई और इसके बाद महीनों से भारत और कनाडा के रिश्ते बिगड़ गए। इसके पीछे की वजह कनाडा की तरफ से निज्जर की हत्या के लिए भारत सरकार की रणनीति को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश रही। नौबत यहां तक आ गई कि दोनों देशों में स्टूडेंटस वीजा और कारोबारी लेन-देन सब प्रभावित हो गए। हालांकि विश्वपटल पर हीनभवना का शिकार होने के बाद कनाडा अब अपने रुख पर नरम भी पड़ता नजर आ रहा है। बावजूद इसके अब कनाडा में वो बात नहीं रही, जिसके लिए पंजाबी बहुतायत में वहां जाते थे।

आंकड़ों पर बात करें तो साल 2022 में यह संख्या 93,818 थी, वहीं चालू वर्ष 2023 के पहले 6 महीनों में 42 हजार लोगों ने कनाडा की स्थायी नागरिकता (पीआर) छोड़ दी है। इस बात की तस्दीक कनाडा सरकार का आव्रजन विभाग भी करता है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 2021 की शुरुआत में 85,927 लोगों ने कनाडा छोड़ दिया, जिनमें बड़ी संख्या पंजाबियों की थी। अब जहां तक इस स्थिति परिवर्तन के पीछे की वजह की बात है, हर कोई जानता है कि कनाडा में पिछले कुछ महीनों से मौसम ठीक नहीं चल रहा है। कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा लगातार की जा रही भारत विरोधी गतिविधियों से पंजाब के लोग परेशान हैं।

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