छत्तीसगढ़

देव की नई कार्यकारिणी में ज्यादा नए चेहरों और महिलाओं को मिलेगा मौका

रायपुर। भाजपा का राष्ट्रीय संगठन अब हर राज्य में पार्टी की दूसरी पंक्ति भी तैयार करने की कवायद में जुट गया है। इसका नजारा तीन राज्य में बनी भाजपा की सरकार में देखने को मिला है। अब ऐसा ही कुछ नजारा राज्यों के संगठन में भी देखने काे मिलने वाला है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब कैबिनेट के विस्तार का भी इंतजार समाप्त हो गया है। ऐसे में अब प्रदेश भाजपा संगठन की कार्यकारिणी का इंतजार हो रहा है। नए अध्यक्ष किरण देव की कार्यकारिणी में जहां अनुभवी कार्यकर्ताओं को रखा जाएगा, वहीं नए चेहरों को मौका मिलेगा, इसी के साथ महिलाओं को भी अहमियत दी जाएगी। तीनों वर्गों को कार्यकारिणी में स्थान देने की बात खुद नए अध्यक्ष कहते हैं। उनका कहना है कार्यकारिणी को लेकर तैयारी चल रही है, जल्द ही इसका ऐलान किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भाजपा का राष्ट्रीय संगठन बहुत ज्यादा ही गंभीर रहा। यही वजह है कि यहां पर चुनाव की कमान संभालने का काम खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किया। उनके चुनाव की कमान संभालने के बाद यहां पर बड़े चौंकाने वाले फैसले हुए। पहली बार संगठन के कई पदाधिकारियों को चुनाव में झोंका गया। इसका फायदा भी मिला और ज्यादातर पदाधिकारी जीते हैं।
नई कार्यकारिणी की कवायद
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने अरुण साव के स्थान पर जगदलपुर से चुनाव जीतने वाले किरण देव को नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। उनके अध्यक्ष बनने के बाद नई कार्यकारिणी को लेकर कवायद चल रही है। नई कार्यकारिणी में बड़े फेरबदल की तैयारी है। इसके पीछे का कारण यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव के साथ तीनों महामंत्री केदार कश्यप, विजय शर्मा और और ओपी चौधरी को भी चुनाव लड़वाया और ये जीते भी हैं। इसी के साथ प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव काे कोटा से मैदान में उतारा गया लेकिन वे चुनाव हार गए। चार उपाध्यक्षों सरला काेसरिया को सरायपाली, उधेश्वरी पैकरा काे सामरी लखन देवांगन को कोरबा और मोतीलाल साहू को रायपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ाया गया। इसमें से सरला कोसरिया को छोड़कर बाकी तीनों उपाध्यक्ष चुनाव जीते हैं। अब तीन नए उपाध्यक्ष भी बनाए जाएंगे। कुल मिलाकर तीन महामंत्री और तीन उपाध्यक्ष के पदों पर ऐसे दिग्गजों को भी रखा जा सकता है जिनको मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल पाया है। इसी के साथ पुराने पदाधिकारियों में भी फेरबदल होगा। कार्यकारिणी में अनुभवी, नए चेहरों के साथ महिलाओं को भी ज्यादा स्थान देने की बात हो रही है।

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