पूज्य राजन महाराज के श्रीमुख से हो रही रामरस की अमृत वर्षा

बालोद। पूज्य राजन महाराज के श्रीमुख से हो रही रामरस की अमृत वर्षा में बुंदेली निहाल हो रही है। कथा के आयोजक भोपसिंह साहू, श्रीमती अनुसुईया देवी साहू एवं समस्त ग्रामवासी बुंदेली द्वारा आयोजित हो रहे नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के शुरू होते ही श्रद्धालुजनो के भारी संख्या में आ जाने से पांडाल भर जा रहा है।
कहा गया है-“संतो भूमि तपसा धारयंनति” अर्थात धर्म समाज का धारण करता है और संत जगत का धारण करते हैं।कथा श्रवण के दौरान आस्था की ऐसी सुमधुर बयार बह रही है कि चाहे वो बुजुर्ग हो या युवा,चाहे वो स्त्री हो या बच्चे सभी थिरक उठ रहे हैं। श्रीराम कथा के माध्यम से सीवान में सकारात्मकता,समरसता और संचेतना की बह रही बयार ग्रामीणों व शहर वासियों को मंत्र मुग्ध कर दे रही है।
गुरुवार को श्रीराम कथा के सातवे दिन पूज्य राजन जी महाराज ने केवट प्रसंग के माध्यम से एक भक्त के अगाध प्रेम की कथा को सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।राजन जी महाराज ने केवट प्रसंग को सुनाकर एक भक्त के निर्मल प्रेम के भाव को बताया।केवट ने भगवान के चरण पखारने के लिए तमाम जतन किए। आखिर भगवान ने जब चरण पखारने की अनुमति दी तब उन्हें नौका पर चढ़ाया।
इस प्रसंग के साथ पूज्य राजन जी महाराज ने बताया कि प्रेम कहने का विषय कहां होता है, प्रेम तो व्यवहार का विषय होता है।हमारा व्यवहार ही बताता है कि हमारा प्रेम कैसा है? प्रभु श्री राम ने केवट से नदी पार कराने की प्रार्थना करके अपने भक्त के प्रति असीम स्नेह को ही उजागर किया और केवट ने हठ कर भी अपने निर्मल स्नेह की बानगी को ही उजागर किया।राजन जी महाराज के कथा श्रवण के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।