रेप का झूठा आरोपः जितने दिन युवक जेल में रहा, युवती भी रहे
युवती की मां ने 2019 में कराई थी एफआईआर

न्यूज़ डेस्क बरेली। बरेली जिला कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने दुष्कर्म का आरोप गलत साबित होने पर युवती को कड़ी सजा सुनाई। कोर्ट ने युवक को निर्दोष करार देते हुए आरोप लगाने वाली युवती को 1,653 दिन जेल की सजा सुनाई। युवती के गलत आरोपों से मजदूरी करने वाले युवक को इतने ही दिन जेल में रहना पड़ा। इसके साथ ही कोर्ट ने युवती को युवक को 5,88,822 रु. हर्जाना देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा, अपने अवैध उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पुलिस और कोर्ट को माध्यम बनाना घोर आपत्तिजनक है। अनुचित लाभ लेने वाली महिलाओं लाओं को पुरुषों के हितों पर आघात करने की छूट नहीं दी जा सकती।
युवती की मां ने 2019 में कराई थी एफआईआर
युवती की मां ने 2 सितंबर 2019 को बरेली के युवक के खिलाफ बेटी से दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और वह 2019 से 8 अप्रैल 24 तक जेल में रहा। युवती ने पहले पुलिस, फिर कोर्ट में अपने साथ दुष्कर्म होने का बयान दिया था। 8 फरवरी 24 को बयान से मुकर गई। युवती ने कहा, पहले के बयान दबाव में दिए गए थे।