रायपुर में सर्व समाज समन्वय महासभा द्वारा सतनामी एवं रविदास संतों का भव्य सम्मान समारोह संपन्न

ज़ोहेब खान……रायपुर। सामाजिक समरसता की भावना को सशक्त बनाने और संत परंपरा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के उद्देश्य से सर्व समाज समन्वय महासभा द्वारा “सामाजिक समरसता सम्मान समारोह” का आयोजन 5 फरवरी 2025 को रायपुर के वृंदावन सेमिनार हॉल, सिविल लाइन में किया गया। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ से 11 संतों और महंतों की टोली का भव्य स्वागत किया गया, जो प्रयागराज महाकुंभ में राजकीय अतिथि के रूप में सम्मिलित हुई थी।
समरस समाज निर्माण का संकल्प
इस सम्मान समारोह और संगोष्ठी का उद्देश्य जातिवाद, प्रांतवाद, ऊँच-नीच की भावना को समाप्त कर सामाजिक समरसता से युक्त प्रांत का निर्माण करना था। प्रांत अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजीव वशिष्ठ ने अपने संबोधन में कहा कि यह संगोष्ठी छत्तीसगढ़ में समरस समाज की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां एकता, सद्भाव और समानता को प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्य अतिथियों का उद्बोधन
मुख्य अतिथि श्री श्याम प्रसाद जी (अखिल भारतीय सामाजिक समरसता प्रमुख) ने समाज में समरसता और समानता के महत्व को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि श्री विश्वनाथ बोगी (प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख) और डॉ. उदय भान सिंह (प्रांत संरक्षक, सर्व समाज समन्वय महासभा) ने संतों की भूमिका को समाज में जागरूकता और समरसता फैलाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
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छत्तीसगढ़ के संतों का प्रयागराज महाकुंभ में विशेष योगदान
छत्तीसगढ़ से संतों की 11 सदस्यीय टोली का नेतृत्व श्री सुनील कुलकर्णी (अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख) और श्री विश्वनाथ बोगी (प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख) ने किया। इन संतों ने 19 से 22 जनवरी 2025 तक उत्तर प्रदेश सरकार के राजकीय अतिथि के रूप में प्रयागराज महाकुंभ में सहभागिता की। वहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सामाजिक समरसता पर विशेष चर्चा की गई।
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इस सम्मेलन में देशभर से 100 से अधिक संत-महंत राजकीय अतिथि के रूप में शामिल हुए। अखिल भारतीय संत समागम के दौरान संतों के सम्मान और समरसता निर्माण पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
छत्तीसगढ़ में संतों का भव्य स्वागत और सम्मान
24 जनवरी 2025 को जब छत्तीसगढ़ के संत प्रयागराज से लौटे, तो रायपुर में सर्व समाज समन्वय महासभा द्वारा भव्य स्वागत और सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर रविदास समाज के गणमान्य व्यक्तियों सहित सर्व समाज के प्रतिनिधियों ने संतों को सम्मानित किया।
सम्मानित संतों में प्रमुख नाम
1. पं. द्वारिका प्रसाद चतुर्वेदी (बिलासपुर)
2. पं. विष्णु दास बांधी (बिलासपुर)
3. पं. रामनारायण जोशी (बिलासपुर)
4. डॉ. छगनलाल सोनवानी (रायपुर)
5. श्री छेदन लाल रात्रे (मंदिर हसौद)
6. पं. सुखराम जांगड़े (चंदखुरी)
7. राजमहंत श्री सुंदरलाल लहरें (खमतराई)
8. श्री पवन कुर्रे (रायपुर)
9. खेदूराम बंजारे (बेमेतरा)
समाज के विशिष्ट गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में श्री एस. आर. बंजारे (प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष), श्रीमती लता ऋषि चंद्राकर (प्रांत अध्यक्ष, नारी शक्ति महासभा), श्री सांवला राम डहरे (सतनामी समाज प्रमुख), श्री डी. के. मोहंती, श्रीमती गायत्री श्रीवास्तव (जिला अध्यक्ष रायपुर), ठाकुर ऋषिकेश सिंह, श्री राजेंद्र पवार, डॉ. सत्यजीत साहू, श्रीमती सुषमा पटनायक, श्रीमती अमरिका वर्मा, श्री पन्नालाल सिन्हा, श्री सी. एल. सोनवानी, श्रीमती अरुणलता श्रीवास्तव सहित कई प्रमुख समाजसेवी एवं संत उपस्थित रहे।
समाज को समरसता का संदेश
इस संगोष्ठी के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि संत समाज ही समरसता और एकता का सबसे बड़ा वाहक है। समाज में जातिवाद, भाषावाद और प्रांतवाद को समाप्त कर एक सर्वभौम, एकजुट समाज की स्थापना ही इस महासभा का लक्ष्य है।
इस भव्य आयोजन के समापन पर संतों और समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने भारत माता की आराधना, संत शिरोमणि गुरु घासीदास जी एवं संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के जयघोष के साथ समरस समाज के निर्माण का संकल्प लिया।