
ज़ोहेब खान…….रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेजी से लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर अब आम जनता की परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि ये मीटर गरीबों के लिए बोझ बनते जा रहे हैं, और तकनीकी खामियों के कारण बिजली बिलों में भारी वृद्धि हो रही है।
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पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों में गंभीर तकनीकी खामियाँ हैं, जिनके कारण उपभोक्ताओं को तीन गुना तक बिजली बिल थमाए जा रहे हैं। “जिन घरों का बिल पहले ₹300-400 आता था, अब वही बिल ₹1000-1200 तक पहुंच रहा है। इससे मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के लोग सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रहे हैं,” उन्होंने कहा।
ग्रामीण इलाकों में हालात और भी बदतर
प्रदेश महासचिव (मीडिया, सोशल मीडिया एवं मुख्य प्रवक्ता) सूरज उपाध्याय ने कहा कि स्मार्ट मीटरों की असल सच्चाई अब सामने आ रही है। उन्होंने कहा, “सरकार डिजिटल इंडिया की बातें तो करती है, लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की कमी और रीडिंग ट्रांसमिशन की गड़बड़ी के कारण बिल गलत आ रहे हैं। सरकार ने बिना पायलट प्रोजेक्ट के सीधे पूरे राज्य में मीटर लगाकर लोगों को संकट में डाल दिया है।”
तकनीकी खामियों और सुरक्षा पर सवाल
प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तम जायसवाल ने कहा कि खराब नेटवर्क के कारण रीडिंग सर्वर तक नहीं पहुंचती, जिससे बिलिंग चक्र गड़बड़ा जाता है। मीटर अगर ठीक ढंग से कैलिब्रेट न हो, तो बिजली खपत ज्यादा या कम दिखती है, जिससे बिल की विश्वसनीयता ही खत्म हो जाती है।
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