मुख्य समाचार

वरिष्ठ वामपंथी नेता कामरेट बी. सान्याल का निधन, देहदान उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार मेडिकल कॉलेज को समर्पित

ज़ोहेब खान…….रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रख्यात वामपंथी नेता और ट्रेड यूनियन आंदोलन के मजबूत स्तंभ कामरेड बी. सान्याल का 21 जुलाई को 73 वर्ष की आयु में रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे।

 

सीरत-ए-हसनैन क्विज़ प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाया शानदार दीन-ए-इल्म का जज़्बा

उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप उनका पार्थिव शरीर मेडिकल कॉलेज, रायपुर (मेकाहारा) को चिकित्सा शिक्षा एवं शोध के लिए दान किया जाएगा। अंतिम दर्शन हेतु उनका पार्थिव देह 22 जुलाई को प्रातः 11 बजे से उनके निवास, आर डी ए कॉलोनी, टिकरापारा, रायपुर में रखा जाएगा। वहीं पर शोकसभा के बाद दोपहर 1 बजे उनकी अंतिम यात्रा मेकाहारा के लिए रवाना होगी।

 

स्मार्ट मीटर बना जनता की मुसीबत! — आम आदमी पार्टी ने सरकार को घेरा, जल्द समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

कामरेड बी. सान्याल, एल.आई.सी. कर्मचारी यूनियन ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। वे सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन (CZIEA) के संस्थापक महासचिव रहे और संयुक्त मध्यप्रदेश काल से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य समिति सदस्य के रूप में सक्रिय रहे। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के दौरान वे माकपा की राज्य समिति के सचिव मंडल के सदस्य बने और हाल तक सक्रिय भूमिका में रहे।

 

“सस्ता सीमेंट” बना जाल, करोड़ों की ठगी का खुलासा — रायपुर साइबर टीम ने यूपी-बिहार से दबोचे ठग

वे सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU) के राज्य अध्यक्ष व महासचिव सहित राष्ट्रीय जनरल काउंसिल के सदस्य भी थे। उन्होंने मजदूर वर्ग के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया और कई बार प्रशासनिक दमन, निलंबन और जेल जैसी यातनाओं का भी बहादुरी से सामना किया।

 

रायपुर में महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन की ऐतिहासिक रैली की तैयारी तेज़ — रथ यात्रा और बुद्ध विहार बैठकों से जागा जनसमर्थन

कामरेड सान्याल न केवल एक कुशल संगठक और ओजस्वी वक्ता थे, बल्कि वे एक गंभीर विचारक और लेखक भी रहे। ‘आंदोलन की खबर’ नामक पत्रिका के वे संपादक थे, जो बीमा कर्मचारियों के आंदोलनों की आवाज रही है। उन्होंने ट्रेड यूनियन आंदोलन और वामपंथी विचारधारा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।

उनके निधन को वाम आंदोलन की एक बड़ी क्षति माना जा रहा है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), CITU, इंश्योरेंस एम्पलाइज यूनियन, ट्रेड यूनियन संयुक्त मंच सहित कई संगठनों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button