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छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग में BIS कंपनी का खेल: रिश्वतखोरी और फर्जी नियुक्तियों का गोरखधंधा बेनकाब

राजा सारथी की काली करतूतों का नया खुलासा, विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल

राजा सारथी की काली करतूतों का नया खुलासा, विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल

ज़ोहेब खान……..रायपुर। छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग में नियुक्तियों के नाम पर घूसखोरी और भ्रष्टाचार के नए मामले ने हलचल मचा दी है। देश की प्रसिद्ध सुरक्षा कंपनी BIS (बॉम्बे इंटेग्रेटेड सिक्योरिटी), जिसे विभाग में कर्मचारियों की नियुक्ति का जिम्मा सौंपा गया था, अब गंभीर आरोपों के घेरे में है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी के एरिया मैनेजर राजा सारथी ने गंज शराब दुकान के सेल्समैन चिरंजीव लाल के भाई टेमन लाल से मल्टी पद पर नौकरी देने के बदले ₹1,10,000 की रिश्वत ली।

भर्ती बंद होने के बावजूद हुई नियुक्ति, कई सवाल खड़े

हालांकि, विभाग द्वारा भर्ती बंद होने की बात कही जा रही है, लेकिन इस गुपचुप तरीके से हुई भर्ती ने विभागीय कार्यप्रणाली और BIS कंपनी की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

पुराने काले कारनामे भी उजागर

यह वही राजा सारथी है जो पहले भी फर्जी मार्कशीट के जरिए संदीप सोनी नाम के व्यक्ति को नियुक्त करने के मामले में सुर्खियों में आ चुका है। मामले का खुलासा होने पर संदीप सोनी को तो हटा दिया गया, लेकिन राजा सारथी पर सिर्फ नाममात्र की कार्रवाई कर उसका एरिया बदल दिया गया।

 

आबकारी अधिकारियों पर भी उठे सवाल

BIS कंपनी के इन गोरखधंधों के बावजूद विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। क्या यह चुप्पी रिश्वत का हिस्सा पहुंचने का नतीजा है? क्या अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं?

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जल्द होंगे और बड़े खुलासे

राजा सारथी और BIS कंपनी के घोटाले यहीं खत्म नहीं होते। जल्द ही और नए खुलासे सामने लाए जाएंगे, जो इस भ्रष्ट व्यवस्था की पोल खोलेंगे।

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