विदेश

सर्बिया और कोसोवो के बीच तनाव, अमेरिका ने किसे दी चेतावनी

बेलग्रेड । यूरोप में यूक्रेन युद्ध के बाद अब एक और जंग की तैयार हो रही है। सर्बिया और कोसोवो के बीच विवाद गंभीर रूप से लेता जा रहा है। अब सर्बिया ने बड़े पैमाने पर टैंक, तोप और सैनिकों को कोसोवो की सीमा पर तैनात कर दिया है। सैन्‍य विशेषज्ञ सर्बिया के इस सैन्‍य जमावड़े को अप्रत्‍याशित करार दे रहे हैं। तनाव को भड़कता देख अमेरिका ने सर्बिया से अनुरोध किया है कि वह अपनी सेना को कोसोवो की सीमा से हटा ले। कोसोवो में जहां नाटो देशों की सेना तैनात है, वहीं सर्बिया को रूस और चीन का समर्थन हासिल है। चीन ने बड़े पैमाने पर हथियार भी सर्बिया को दिए हैं।
अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने चेतावनी दी है कि सर्बिया ने कोसोवो की सीमा पर घातक टैंक और तोपें तैनात की हैं। सर्बिया ने यह कदम उत्‍तरी कोसोवो में एक मठ में घातक संघर्ष के बाद उठाया है। बताया जा रहा है कि हिंसा में कोसोवो का एक पुलिसकर्मी और सर्बिया के 3 बंदूकधारी मारे गए थे। बताया जा रहा है कि यह पिछले कुछ सालों में सर्बिया और कोसोवो के बीच सबसे बड़ी हिंसा है। सर्बिया से अलग होकर कोसोवो अलग देश बना है, लेकिन बेलग्रेड की सरकार ने अभी कोसोवा को स्‍वीकार नहीं किया है।
वाइट हाउस के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद के प्रवक्‍ता जॉन किर्बी ने कहा, हम कोसोवो की सीमा पर सर्बिया के बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती की निगरानी कर रहे हैं। इसमें सर्बिया की अत्‍याधुनिक तोपें, टैंक और हथियारों से लैस पैदल सेना शामिल है। हमारा मानना है कि यह बहुत ही अस्थिर करने वाला घटनाक्रम है। हम सर्बिया से अनुरोध करते हैं कि वह अपनी सेना को सीमा से हटा ले। उन्‍होंने कहा कि सर्बिया ने पिछले सप्‍ताह से इतनी बड़ी तादाद में सेना की तैनाती की है लेकिन उसके उद्देश्‍य का पता नहीं चल पा रहा है।
इस बीच सर्बिया के राष्‍ट्रपति ने सेना के हाई अलर्ट पर होने की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। कोसोवो की सरकार का कहना है कि सर्बिया उनके देश में हथियारबंद अभियान को समर्थन दे रहा है। कोसोवो में हमले के बाद नाटो शांतिरक्षक सेना ने कहा है कि वह अब अपनी उपस्थिति को बढ़ाने जा रही है।

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