
चंद्रयान-3 के लैंडर का डिजायन बनाने का दावा करने वाला फर्जी वैज्ञानिक आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। इसने खुद को इसरो का वैज्ञानिक बताया था और चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस भी की थी। अब गुजरात की सूरत पुलिस ने कहा है कि, “हमने एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ा है, जिसकी पहचान मितुल त्रिवेदी के रूप में हुई, जिसने इसरो में वैज्ञानिक होने का झूठा दावा किया और उसके लिए जाली दस्तावेज़ भी बनाए। पुलिस का कहना है कि उसने अपराध कबूल कर लिया है।”
पुलिस के मुताबिक इस व्यक्ति ने इसरो का एक पत्र भी लोगों को दिखाया था, जिसके बाद कुछ लोगों को शक हुआ था। पुलिस ने उस पत्र को इसरो को भेजा था, और मितुल त्रिवेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।
सूरत के एसीपी शरद सिंघल ने कहा बयान में कहा कि, “अपराध शाखा ने इसरो से संपर्क किया था, जिस पर इसरो ने साफ कहा था कि पत्र जाली है और उनके द्वारा ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है।कल क्राइम ब्रांच ने मितुल त्रिवेदी को अपने चौक बाजार दफ्तर में बुलाया और विस्तृत पूछताछ की। आज यह साबित हो गया है और उसने कबूल भी कर लिया है कि पत्र फर्जी है।”
एसीपी शिंघल ने कहा कि मितुल त्रिवेदी करीब 30 साल का है और प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाता है। उसने पत्र इसलिए तैयार किया ताकि वह इस पत्र को दिखाकर छात्रों और उनके अभिभावकों को रिझास के। पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 465, 468, 471 और 419 के तहत एफआईआर दर्ज की है।