क्राइम

राजधानी में तेल माफिया का भंडाफोड़, कबाड़ी के गोदाम में टैंकर से पेट्रोल-डीजल चोरी पकड़ी गई

मीडिया की दबिश से मचा हड़कंप, महिला पत्रकार से बदसलूकी, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

ज़ोहेब खान……..रायपुर, ब्यूरो। राजधानी रायपुर के धनेली क्षेत्र में रिंग रोड स्थित कबाड़ी कारोबारी उमेश साह के गोदाम पर मीडिया कर्मियों ने एक बड़ा खुलासा किया है। जानकारी के मुताबिक, यहां टैंकर से अवैध रूप से पेट्रोल और डीजल निकाला जा रहा था। जब मीडिया टीम ने मौके पर जाकर कवरेज की तो चौंकाने वाले दृश्य सामने आए।

 

गोदाम में एक टैंकर से तेल निकाला जा रहा था, तभी दूसरा टैंकर भी वहां आ पहुंचा, लेकिन मीडिया की मौजूदगी देख उसे भगा दिया गया। पूरा घटनाक्रम कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया गया है।

मप्र ने बढ़ाया महंगाई भत्ता, छग में कर्मचारी व पेंशनर अब भी इंतज़ार में: विजय झा

 

इस दौरान मीडिया कर्मियों और महिला पत्रकार के साथ कबाड़ी कर्मचारियों ने बदसलूकी की। सबसे बड़ी चिंता की बात यह रही कि 112 पर कॉल करने के बावजूद मदद नहीं पहुंची, लेकिन जैसे ही कबाड़ी पक्ष से पुलिस को सूचना दी गई, सिलतरा चौकी से दो पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंच गए।

 

पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल

मीडिया कर्मियों ने सिलतरा चौकी प्रभारी को बार-बार कॉल किया, लेकिन रात 1 बजे तक किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं मिली। चौकी प्रभारी का मोबाइल लगातार बिजी आता रहा।

 

मीडिया टीम द्वारा जबरन चौकी जाकर शिकायत दर्ज कराई गई, तब जाकर खानापूर्ति करते हुए केवल टैंकर और ड्राइवर को हिरासत में लिया गया, लेकिन गोदाम में जमा हजारों क्विंटल अवैध लोहा और दर्जनों बोरे सरकारी पीडीएस चावल को अनदेखा कर दिया गया।

 

गरीबों के चावल कबाड़ी के गोदाम में

मौके से भारी मात्रा में पीडीएस का चावल भी बरामद हुआ, जो केवल गरीब परिवारों को वितरित किया जाना था। यह चावल कबाड़ी गोदाम में मिलने से यह सवाल उठता है कि क्या यह पूरा खेल किसी उच्च स्तरीय संरक्षण में चल रहा है?

बुजुर्ग महिला से लूट करने वाला आरोपी ज्वाला बैरागी गिरफ्तार 3.50 लाख के जेवर और वाहन बरामद

 

प्रशासनिक चुप्पी पर उठते सवाल

मीडिया कर्मियों द्वारा रातभर कई जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा। यह घटना राजधानी रायपुर में कानून व्यवस्था और पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

रायपुर जेल में मौत या हत्या? युवक मोहम्मद शादाब की संदिग्ध मौत पर उठे गंभीर सवाल, परिजनों ने लगाए बर्बरता के आरोप

 

क्या कहती है सरकार की सुशासन नीति?

एक ओर सरकार सुशासन की बात करती है, वहीं दूसरी ओर राजधानी में खुलेआम तेल माफिया, अवैध लोहा व्यापार और पीडीएस चावल का दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि बिना प्रशासनिक मिलीभगत के इतना बड़ा खेल कैसे संभव है?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से दहला पाकिस्तान: मसूद अजहर का कुनबा तबाह, बोला- काश मैं भी मर जाता!

 

मीडिया कर्मियों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button