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साइबर ठगी में “गोल्डन आवर” का महत्व: समय पर रिपोर्ट कर बचाएं अपनी रकम
ज़ोहेब खान……..रायपुर। साइबर ठगी के मामलों में ठगी गई रकम वापस पाने का सबसे अहम समय “गोल्डन आवर” माना जाता है। यह 24 घंटे की वह महत्वपूर्ण अवधि है जब ठगी के तुरंत बाद रिपोर्ट दर्ज कराने से रकम रिकवर होने की संभावना सबसे अधिक होती है।
साइबर अपराधियों द्वारा ठगी की गई रकम को तुरंत अन्य खातों में ट्रांसफर करने का प्रयास किया जाता है। यदि इस समय के भीतर पीड़ित शिकायत दर्ज कराते हैं, तो बैंक और साइबर सेल अवैध लेन-देन को फ्रीज करने और पैसे वापस लाने में अधिक प्रभावी हो सकते हैं।
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गोल्डन आवर में क्यों जरूरी है कार्रवाई?
1. ठगी के तुरंत बाद रिपोर्ट करने से बैंक और संस्थान लेन-देन को ट्रैक और ब्लॉक कर सकते हैं।
2. ठग जल्दी से रकम को कई खातों में ट्रांसफर करते हैं, जिसे शुरुआती कार्रवाई से रोका जा सकता है।
3. साइबर सेल समय पर सूचना मिलने पर तेज़ी से कार्रवाई कर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
ठगी के बाद तुरंत उठाएं ये कदम:
1. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।
2. साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और घटना की सूचना दें।
RBI के निर्देश:
यदि पीड़ित 3 दिनों के भीतर रिपोर्ट करते हैं, तो बैंक का दायित्व बनता है कि वह जांच कर ठगी की रकम वापस करे।